हालांकि अकाली दल का इनेलो के साथ गठबंधन काफी पुराना है। पिछले विधानसभा में भी अकाली दल ने इनेलो के साथ गठबंधन कियाथा। हालांकि बाद में ये 2017 में सतलुज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर टूट गया था। लिहाजा एक बार फिर अकाली दल ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछले दिनों ही अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने भाजपा को लेकर नाराजगी जताई थी।