केन्द्र सरकार का कहना है कि जलियांवाला बाग एक राष्ट्रीय स्मारक है और इसका किसी भी राजनैतिक दल से कोई संबंध नहीं है। ऐसे में राजनीतिक दल के अध्यक्ष को इसका ट्रस्टी बनाए जाने का कोई औचित्य नहीं होना चाहिए। हालांकि सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन काफी पहले से इसकी मांग कर रहे हैं। हालांकि इसके पीछे कांग्रेस के तर्क है कि आजादी की लड़ाई में पार्टी का अहम योगदान है।