अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
(Search results - 6)NewsMar 9, 2019, 4:51 PM IST
आतंकवादी मन्नान बशीर था हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का करीबी
एक कश्मीरी छात्र जो की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से जियोलॉजी में पीएचडी कर रहा होता है। वह अचानक अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देता है। वापस कश्मीर लौटता है और आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो जाता है। बाद में उसे कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में सुरक्षा बल एक मुठभेड़ में मार गिराते हैं।
NewsFeb 15, 2019, 7:10 PM IST
एएमयू के कट्टरपंथी छात्र ने जवानों की शहादत का उड़ाया मजाक, खबर फैलने पर हुई कार्रवाई
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक छात्र ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की तारीफ की और जवानों की शहादत का मजाक उड़ाया। यह खबर वायरल होने के बाद उसके उपर कार्रवाई की गई। हालांकि यह कार्रवाई महज निलंबन तक ही सीमित रही। बाद में विवाद बढ़ने पर एफआईआर दर्ज कराई गई।
NewsFeb 14, 2019, 10:16 AM IST
जानें क्यों गर्मायी ‘हिंदू मुशायरे’ से यूपी की सियायत
दो दिन पहले मुस्लिम से जुड़े कई राजनैतिक संगठनों ने एएमयू में सम्मेलन बुलाया था। जिसमें एआईएमएम के प्रमुख औवेसी को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन वह नहीं आए। जबकि उनके शामिल होने की खबर छात्रों को मिली उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
NewsFeb 12, 2019, 5:53 PM IST
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भारी बवाल, मीडियाकर्मियों से बदसलूकी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। आज यहां 18 मुस्लिम पार्टियों की एक सभा होने वाली थी। लेकिन इससे पहले भारी हंगामा हो गया। जिसकी वजह यह सभा कैंसिल करनी पड़ी।
NewsOct 12, 2018, 4:25 PM IST
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में फिर देशविरोधी हरकत की कोशिश
गुरुवार की शाम खबर मिली, कि कुछ कश्मीरी छात्र केनेडी हाल के पास एकत्र हुए हैं और वे मारे गए आतंकवादी वानी की नमाज-ए-जनाज़ा पढ़ना चाहते हैं। इस पर विश्वविद्यालय के सुरक्षा स्टाफकर्मी मौके पर पहुंचे। उधर एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने भी हस्तक्षेप किया और कश्मीरी छात्रों को आतंकवादी का समर्थन करने से रोका।
NewsOct 12, 2018, 4:12 PM IST
क्या गुजरात दंगों के समय सेना एक दिन बैठी रही, जानिये एएमयू के पूर्व वीसी के दावे का सच
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) जमीरुद्दीन शाह ने अपनी किताब 'द सरकारी मुसलमान' में दावा किया है कि सेना की तैनाती में देरी के चलते महत्वपूर्ण समय गंवा दिया गया।