जाट
(Search results - 10)NewsNov 18, 2019, 12:47 PM IST
क्या हरियाणा में हुड्डा के खिलाफ बीरेंद्र सिंह का कद बढ़ा रही है भाजपा
बीरेन्द्र सिंह कभी कांग्रेस में हुआ कहते थे। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद वह लोकसभा का चुनाव जीते और पार्टी ने उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाया। लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं दिया बल्कि उनके बेटे को लोकसभा का टिकट दिया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे। इसके बाद विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनकी पत्नी को विधानसभा का टिकट दिया था। जिसमें वह जीतने में सफल रही हैं।
NewsApr 10, 2019, 1:15 PM IST
राजस्थान के बड़े गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला भाजपा में शामिल
जाट और गुर्जर बिरादरी के दो बड़े नेताओं को पार्टी से जोड़कर भाजपा ने बड़ा सियासी गणित साधने की कोशिश की है। खास बात यह है कि इन दोनों जातियों का पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर भी सीधा प्रभाव है। दोनों ही जगह पहले चरण में मतदान होने वाला है।
NewsJan 12, 2019, 6:30 PM IST
क्यों 2019 के चुनाव में मायावती अखिलेश का गठबंधन फेल हो सकता है? जानिए छह कारण
यूपी में बने महागठबंधन को विपक्ष का बड़ा हथियार बताया जा रहा है। लेकिन हो सकता है कि अगले चुनाव में यह चल ही न पाए।
केन्द्र में सत्तासीन बीजेपी सरकार को 2019 में जीत हासिल करने से रोकने के लिए सबसे बड़ा कदम यूपी में उठाया गया है। जिसके पीछे यह विचार है कि सिर्फ महागठबंधन बना कर ही नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को रोका जा सकता है। जैसा कि नवंबर 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ था।
शनिवार को यूपी की राजनीति में तगड़ा रसूख रखने वाले बीजेपी विरोधी दो बड़े दस सपा और बसपा ने आपस में गठबंधन करने का ऐलान किया।ViewsJan 9, 2019, 7:53 PM IST
गरीब सवर्णों को आरक्षण राजनीतिक शिगूफा नहीं बल्कि एक दूरदर्शी सोच का नतीजा है
मोदी सरकार ने आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को आरक्षण देने का फैसला किया है। विपक्ष इसे राजनीतिक दांव की संज्ञा दे रहा है और इसके समय पर सवाल उठा रहा है। ऐसा कहकर इस बेहद संवेदनशील और सामाजिक बदलाव लाने वाले फैसले की अहमियत कम की जा रही है। हम आपको बताएंगे कि कैसे गरीबों को दिया जाने वाला यह आरक्षण जातीय विभेदों में बंटे इस देश में धीमी किंतु बड़ी क्रांति का कारण बनेगा। यह महज एक राजनीतिक दांव नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नजरिए का प्रतीक है।
NewsDec 26, 2018, 6:32 PM IST
राष्ट्रपति के गार्ड की नियुक्ति में भेदभाव का मामला अदालत में
अंग्रेजी शासनकाल में कुछ जाति विशेष को तरजीह दी जाती थी। ताकि वह अंग्रेजी शासन के प्रति अपनी जाति की ईमानदारी को सुनिश्चित कर सके। अंग्रेज चले गए, लेकिन उनके द्वारा अपनाई गई प्रथा आज भी राष्ट्पति की सुरक्षा के लिए गार्ड की नियुक्ति करते समय अपनाई जाती है।
ElectionsDec 7, 2018, 8:44 AM IST
राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू
राजस्थान में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होगा। इस चुनाव में जाट नेता हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोक तांत्रिक पार्टी ने 58 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करके दोनों पार्टियों को चुनौती दी है।
ViewsDec 5, 2018, 6:28 PM IST
देश के सीने पर दिए हजार घाव: क्या पाकिस्तानी रणनीति पर कांग्रेस जीतना चाहती है चुनाव?
जब देश में कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल हों तो पाकिस्तान जैसे दुश्मनों की जरुरत ही क्या। विश्लेषण शुरु करने से पहले आपको थोड़ा पीछे ले चलते हैं।
बांग्लादेश में बुरी तरह मात खाने के बाद पाकिस्तानी सैनिक तानाशाह जिया-उल-हक के शासनकाल में दुश्मनों ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए नई योजना बनाई थी। इसे ‘हजार घावों के जरिए मात देने’ की थ्योरी कहा गया। इसके तहत पाकिस्तानी सेना और उसकी बदनाम खुफिया संस्था आईएसआई ने कई छोटी लेकिन गंभीर साजिशों का सूत्रपात किया। जिसके तहत भारत भूमि पर खालिस्तानी, कश्मीरी सहित पूर्वोत्तर में कई अलगाववादी आंदोलनों को दुश्मनों ने हवा दी। जिससे कि भारत छोटे छोटे आंदोलनों में घिरकर कमजोर हो जाए।ViewsNov 30, 2018, 2:46 PM IST
रणनीतिक चूक की वजह से कांग्रेस के हाथ से फिसलता राजस्थान
राजस्थान चुनाव में कांग्रेस की अव्यवस्थित रणनीति का सीधा लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिल रहा है, जबकि वर्तमान भाजपा सरकार के विरुद्ध सत्ताविरोधी रुझान पूरी तरह तैयार है। साथ ही भाजपा की आंतरिक रस्साकशी भी किसी से छिपी हुई नहीं है। इसके बावजूद भी कांग्रेसी नेताओं की राजनीतिक और रणनीतिक समझ इतनी कमजोर कैसे है, यह आश्चर्यजनक लगता है।
NewsOct 9, 2018, 9:35 AM IST
NationJul 16, 2018, 7:46 PM IST
खुद को ‘ज़िंदा’ साबित करने के लिए भटक रहा है बुजुर्ग, अधिकारियों ने कागजों में मरा दिखाया
हरियाणा के सोनीपत के समाज कल्याण विभाग ने ऐसी करतूत की है कि जो जाने वो ही हैरान हो जाए। समाज कल्याण विभाग ने एक ज़िंदा आदमी को मौत का सर्टिफिकेट दे दिया है। वही अब बुजुर्ग अपने आप को ज़िंदा साबित करने के लिए डीसी ऑफिस और समाज कल्याण विभाग के चक्कर लगा रहा है। काई भी अधिकारी या कर्मचारी उनकी बात सुनने के लिए तैयार नही है।
समाज कल्याण विभाग के अनुसार गांव पांची जाटान निवासी दयाचन्द, आयु 61 साल, 11.01.2018 को उनकी मृत्यू हो चुकी है। जिसका रिकार्ड उनकी तरफ से दिया जा चुका है। अब दयाचन्द कभी डीसी, कभी समाज कल्याण विभाग और कभी मंत्री के निवास के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन कोई भी इस बुजुर्ग की सुनेने के लिए तैयार नहीं है।
पूरे मामले में जब अधिकारियों से बात की गई तो अधिकारी सामने आने से बचते रहे। वही मंत्री कविता जैन ने कहा कि उन्हे पता चला है और जल्द से जल्द पुरे मामले में सज्ञान लिया जाएगा।