प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश भर के गांवों में सौभाग्य विद्युतीकरण योजना का लाभ पाने वाले लोगों से संवाद किया था। इस कड़ी में पीएम मोदी ने यूपी के सीतापुर के रेउसा ब्लॉक के भरथ गांव के लोगों से भी बात की थी और योजना से उन्हें हुए लाभ की जानकारी ली थी। हालांकि मीडिया के एक धड़े ने कार्यक्रम से एक दिन पहले ही कुछ रिपोर्टरों को इस गांव में भेजा और पांच-छह कथित असंतुष्ट गांववालों के बात की। उनकी कोशिश यह साबित करने की थी कि गरीब गांववालों के घर में जबरन बिजली के कनेक्शन लगाए गए और फिर उन्हें अनापशनाप बिल भेज दिया गया। इनमें एक मामला एक लाख रुपये से ऊपर के बिल का भी था। हालांकि पूरी रिपोर्ट के दौरान यह नहीं बताया गया कि 10 दिन पहले ही गांव में कैंप लगाकर प्रत्येक ग्रामीण के बिल से जुड़ी समस्याएं दूर कर दी गईं थीं। ऐसे में अपने एजेंडे के तहत खबरें दिखा रहे समाचार चैनलों पर कैसे भरोसा किया जा सकता है?