दक्षिणी रोडेसिआ में गत 1960 में वन और पर्यावरण में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों ने जब विश्व के बदलते पर्यावरण के कारण वहां के हरे भरे वनीय क्षेत्र की हरियाली समाप्त होते देखी तो सब का यह विचार था कि शाकाहारी पशु हाथी, गौ इत्यादि वनों की हरियाली खा कर समाप्त कर देते हैं| उस वन में हाथी बड़ी संख्या में थे| निर्णय हुआ कि सब हाथियों का वध कर दिया जाए|
इस अभियान में उस दशक में 40,000 से अधिक हाथी मारे गए जो आर्थिक व्यापार की दृष्टि से भी बड़ा लाभदायक रहा | परंतु हाथियों के मारे जाने के बाद बड़ा आश्चर्य हुआ कि जो रही सही हरियाली बची थी वह भी समाप्त हो गई |