इसके साथ ही 30 कंपनियां चीन से कारोबार को बंद कर वियतनाम, म्यांमार, थाइलैंड औरर दक्षिण पूर्व एशियन देशों से अपनी यूनिट स्थापित करेंगी। जापानी सरकार चीन से अपने कारोबार को बंद करने वाली कंपनियों को आर्थिक मदद दे रही है।
नई दिल्ली। चीन को एक और बड़ा झटका लगने जा रहा है। भारत, अमेरिका और ताइवान के बाद अब जापान चीन को ऐसा झटका देने जा रहा है, जिससे उसे बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। जापान की 57 कंपनियों ने चीन से अपने कारोबार को बंद करने का फैसला किया है। जिसके बाद चीन की मुश्किलें बढ़ गई है। जापान अब चीन में निवेश करने वाली 57 कंपनियों को चीन से वापस अपने देश में ला रहा है और इसके लिए जापानी सरकार इन कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए 53.6 करोड़ डॉलर खर्च की आर्थिक मदद दे रही है।
इसके साथ ही 30 कंपनियां चीन से कारोबार को बंद कर वियतनाम, म्यांमार, थाइलैंड औरर दक्षिण पूर्व एशियन देशों से अपनी यूनिट स्थापित करेंगी। जापानी सरकार चीन से अपने कारोबार को बंद करने वाली कंपनियों को आर्थिक मदद दे रही है। इसके लिए जापान की सरकार कुल मिलाकर करीब 70 अरब येन खर्च करेगी। इससे चीन को बड़ा झटका लगने जा रहा है कि क्योंकि जापान की करीबी 87 कंपनियों ने चीन से कारोबार को बंद करने का फैसला किया है। क्योंकि चीन आर्थिक मोर्चे पर ब्लैकमेल करता है और देश की सीमाओं का सम्मान नहीं करता है। असल में जापान का चीन के साथ सीमा विवाद है और चीन को झटका देने के लिए जापानी सरकार ने पॉलिसी तैयार की है। ताइवान की सरकार ने भी चीन को झटका देने के लिए 2019 में कुछ ऐसी ही पॉलिसी बनाई थी।
करीब एक हजार कंपनियां चीन से बाहर जाने की है तैयारी में
चीन से करीब एक हजार से ज्यादा कंपनियां अपना निवेश अन्य देशों में करने की योजना पर काम कर रही हैं। वहीं अमेरिका पहले ही चीन से अपनी कंपनियां निकालने का फैसला कर चुकी है। जबकि एप्पल ने तो भारत में अपने प्लांट स्थापित करने का फैसला किया है। वहीं भारत ने भी पहले ऐप बैन किए और अब चीनी कंपनियों के लिए नियम तैयार किए जा रहे हैं ताकि इन पर शिकंजा कसा जा सके। लिहाजा दुनिया के सभी देश चीन के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।