कोरोना के मरीजों के घर में लेने आएगा ई-वाहन, इसकी जानकारी देनी होगी

By Team MyNationFirst Published Nov 15, 2020, 10:22 AM IST
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घर अलगाव में रहने वाले कोरोना रोगियों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सिर्फ एक क्लिक से ई-वाहन उन्हें लेने के लिए घर के दरवाजे तक पहुंच जाएगा। यह बिल्कुल मुफ्त होगा। 

नई दिल्ली। अस्पताल में रहने और अस्पताल में आने से घर में रहने वाले मरीजों को बहुत फायदा होगा। घर के अलगाव में रहने वाले मरीजों को अस्पताल जाने और जाने से बहुत लाभ होगा। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के कोरोना रोगियों और उनके परिवारों की मदद के लिए इस जीवन सेवा ऐप को लॉन्च किया है।

घर अलगाव में रहने वाले कोरोना रोगियों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सिर्फ एक क्लिक से ई-वाहन उन्हें लेने के लिए घर के दरवाजे तक पहुंच जाएगा। यह बिल्कुल मुफ्त होगा। इस ई-वाहन का उपयोग एम्बुलेंस के रूप में किया जाएगा। दिल्ली सरकार द्वारा जारी ऐप की मदद से इस वाहन की सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव आने वाले हर मरीज को एसएमएस और क्यूआर कोड के जरिए लिंक भेजा जाएगा। जिसके जरिए मरीज इस एप को डाउनलोड कर सकते हैं।

ओटीपी के माध्यम से पंजीकरण करने के बाद, आप ऐप से कैब बुक कर सकते हैं। इसके लिए, रोगी को अपना पिक-अप और ड्रॉप स्थान दर्ज करना होगा। जिसके बाद निकटतम कैब उनकी सेवा के लिए पहुंच जाएगी। यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। ड्राइवर को ऐप के माध्यम से जानकारी मिल जाएगी। एप पर पिक-अप लोकेशन मिलते ही वे तुरंत मरीज के पास पहुंच जाएंगे। रियल टाइम जीपीएस ट्रैकिंग के जरिए कैब की निगरानी की जाएगी। इसके लिए नियुक्त पर्यवेक्षक 24 घंटे के कैब पर नजर रखेगा।


स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के अनुसार, कैब के सभी ड्राइवरों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षित ड्राइवरों को कोरोना से सुरक्षा के लिए सभी निर्देश दिए जाएंगे जैसे कि पीपीई किट पहनना, सैनिटाइज़र का उपयोग करना आदि। उनके केबिन भी ड्राइवर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अछूता रहेगा। यह ऐप मरीजों को समय पर ई-कैब एम्बुलेंस प्रदान करके दिल्ली की आपातकालीन परिवहन सेवा को सक्षम करेगा। रोगी को पिक-अप समय के बारे में सूचित किया जाएगा। मरीज केवल हैंडल से संपर्क कर सकते हैं।

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