नाम बदलने की राजनीति

 |  First Published Jun 26, 2018, 4:34 PM IST
मोदी सरकार देश भर में मुगलों और किसी ख़ास परिवार के नाम से जितने भी स्थान हैं उन्हें बदलने के लिये पूरी तरह आमादा है

लोग कहते हैं कि नाम में क्या रखा है, लेकिन यह सही नहीं है। नाम में बहुत कुछ रखा है क्योकि नाम किसी भी व्यक्ति के व्यवहार और गुण-दोष का एक खाका आपके मन में बनाता है। लेकिन आज हम किसी व्यक्ति के नाम को लेकर बात नहीं कर रहें बल्कि वर्तमान में भाजपा सरकार जिस तरह से जगहों और योजनाओं के नाम बदल रही है उसपर कर रहे हैं।

भारत के किसी भी क्षेत्र में देख लीजिए, हर शासन के नाम पर शहरें, सड़कें, हवाई अड्डों, स्टेडियमों, संस्थानों और योजनाओं पर उस समय के शासक या नेता के नाम पर रखा गया है। इसी को लेकर तत्कालीन भाजपा नेता (अभी उपराष्ट्रपति) एम वेंकैया नायडू ने एक आरटीआई की अर्ज़ी के जवाब को साझा करते हुए बताया था कि नेहरू-गांधी खानदान के लोगों के नाम पर देश भर में 450 से अधिक सड़कों, योजनाओं और संस्थानों के नाम रखे गये थे। मोदी सरकार अब देश भर में मुगलों और एक ख़ास परिवार के नाम से जितने भी स्थान हैं उन्हें बदलने के लिये पूरी तरह आमादा है। सरकार उसकी जगह पर संघ परिवार के प्रतीकों को लगाने जा रहीं है।

2014 के बाद कितनी जगहों के नाम बदले गये, आईये उन पर एक नज़र डालते हैं।

जून 2018

दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने मुगल बादशाह शाहजहां को "वासना का प्रतीक" प्रतिक बताते हुए शाहजहां रोड का नाम बदलकर दशरथ मांझी रोड रखने की मांग की थी। उपाध्याय ने कहा था कि प्रेम क्या होता है इसे माउंटेन मैन मांझी से सीखना चाहिए जिन्होंने अपनी 360 फीट लंबी पहाड़ी में एक रास्ता काट दिया था जब वह अपनी पत्नी को समय पर डॉक्टर के पास नहीं ले जा सके थे।

उसी माह बिहार भाजपा ने बख्तियारपुर जंक्शन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन की मांग की थी; बख्तियारपुर नाम कुतुबुद्दीन ऐबक के सेनापती बख्तियार खिलजी के नाम पर है।

यूपी की योगी सरकार ने मुगलसराय शहर और स्टेशन का नाम बदलकर भारतीय जनसंघ के संसथापक सदस्य दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कर दिया है।

मई 2018

योगी सरकार ने 201 9 में कुंभ मेले से पहले इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज करने का प्रस्ताव दिया है। इलाहाबाद का पौराणिक नाम प्रयाग है जिसे बाद में अकबर नाम में बदल दिया गया था।

कुछ लोगों ने महाराणा प्रताप जयंती से पहले दिल्ली में अकबर रोड के साइनबोर्ड पर महाराणा प्रताप का पोस्टर लगा कर इसका नाम महाराणा प्रताप रोड करने की मांग की। इससे पहले केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने 2015 में महाराणा प्रताप के नाम पर सड़क का नाम रखने का सुझाव दिया था।

जनवरी 2018

जवाहरलाल नेहरू की विरासत किशोर मूर्ति चौक का नाम बदलकर किशोर मूर्ति हाइफा चौक रखा गया। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हाइफा की लड़ाई में भारतीय सैनिकों ने हाइफा और एकड़ पर कब्ज़ा करने के लिए तुर्क साम्राज्य के खिलाफ लड़े थे।

सितंबर 2017

भाजपा-शासित गुजरात में कंदला बंदरगाह का नाम बदल कर दीनदयाल बंदरगाह कर दिया गया है।

फरवरी 2017

ब्रिटिश शासन के दौरान गवर्नर जनरल के नाम पर नई दिल्ली में डलहौज़ी रोड बदल कर दारा शिकोह रोड कर दिया गया है।

सितंबर 2016

नई दिल्ली में रेस कोर्स रोड का नाम बदल कर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया है। लोक कल्याण मार्ग पर ही प्रधानमंत्री आवास है।

हरियाणा की वित्तीय राजधानी गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया गया है। महाभारत में इस स्थान पर कौरव और पांडव के गुरु द्रोणाचार्य का आश्रम था।

अगस्त 2015

नई दिल्ली स्थित औरंगजेब रोड का नाम बदलकर कर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम रखा गया।

योजनाओं के नए नाम

जगहों के अलावा भाजपा सरकार ने कुछ योजनाओं के नाम भी बदल दिये जिसका नाम नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर था।

  • राजीव आवास योजना का नाम बदल कर सरदार पटेल राष्ट्रीय शहरी आवास मिशन कर दिया गया
  • इंदिरा आवास योजना अब प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हो गया
  • राजीव ग्रामीण विद्यालय करण योजना को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना कर दिया गया
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