प्रियंका गांधी फूलपुर सीट से लड़ सकती है चुनाव, करेंगी धुआंधार प्रचार

By Dheeraj UpadhyayFirst Published Mar 12, 2019, 5:00 PM IST
Highlights

देश में रविवार को लोक सभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। इसी के साथ राजनीतिक दलों में उम्मीदवारों के चयन और उसके ऐलान को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है।

लखनऊ।

देश में रविवार को लोक सभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। इसी के साथ राजनीतिक दलों में उम्मीदवारों के चयन और उसके ऐलान को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस में एक ही चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा को किस सीट से चुनाव मैंदान में उतारेगी। आपको बता दे कि आज से ठीक एक महीने पहले कांग्रेस ने लखनऊ में रोड शो के द्वारा प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारा था। 

सूत्रो के अनुसार कांग्रेस कमेटी की लखनऊ में हुई बैठक में फूलपुर लोक सभा सीट से उनकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव कांग्रेस आला कमान को भेज दिया गया है। आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक अहमदाबाद में हो रही है, जो एयरफोर्स द्वारा एयर स्ट्राइक के बाद टाल दी गई थी। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रियंका गांधी भी मौजूद हैं। उम्मीद है कि इस बैठक के बाद जल्द ही यूपी में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होगी, जिसमें फूलपुर सीट पर उनका नाम होने की प्रबल संभावना है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस का एक बड़ा मानता है कि अगर प्रियंका गांधी फूलपुर सीट से चुनाव लड़ती है तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूर्वांचल की सभी सीटों पर पड़ेगा।

वहीं, कांग्रेस की वर्किंग कमेटी बैठक में ही प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार का कार्यक्रम भी तय होगा। सूत्रो के अनुसार प्रियंका गांधी पूर्वी यूपी के साथ पूरे प्रेद्श में धुआंधार चुनाव प्रचार करेंगी। हालांकि पूरे देश में उनके प्रचार को कुछ स्थानों तक सीमित रखा जाएगा, जिससे उनका ज्यादा समय और ध्यान केवल यूपी की राजनीति में केन्द्रित रहे।

फूलपुर लोकसभा सीट और कांग्रेस का अटूट नाता है।   

उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट का कांग्रेस से अटूट नाता है। देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु ने भारत के प्रथम, लोक सभा चुनाव में 1952 में ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। उन्होने यहाँ से कांग्रेस का परचम तीन बार 1952, 1957 और 1962 में लहराया। हालांकि1962 के बाद भी कई वर्षो तक कांग्रेस का इस सीट पर रहा। जबकि 1996 से 2004 तक समाजपार्टी पार्टी ने फूलपुर सीट पर अपनी पकड़ बनाई थी। वहीं भाजपा ने 2014 में इस सीट को जीता था लेकिन 2018 के उपचुनाव में सपा ने जीत दर्ज की है।

प्रियंका गांधी के पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद से माना जा रहा है उनके आने से यूपी में वर्षो से सुस्त पड़ी काँग्रेस में नयी राजनीतिक ऊर्जा का संचार हुआ है। जिसका असर सूबे में लोकसभा सीटों के परिणाम पर पड़ सकता है।राजनीतिक पंडितो के अनुसार पहले तो, प्रियंका गांधी में लोग पूर्व प्रधान मंत्री इंद्रा गांधी की सशक्त राजनेता वाली छवि देखते है, इसी संदेश को कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनता में पहुँचाना चाहती है। दूसरा आम जनता और कार्यकर्ताओं से सीधी संवाद शक्ति के चलते वो अपनी पार्टी की स्थिति उत्तर प्रदेश में मजबूत कर सकती है।

click me!