करीब छत्तीस हजार करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला मामले में गिरफ्तार राजीव सक्सेना प्रवर्तन निदेशालय का अप्रूवर बनने के लिए तैयार हो गया है। सक्सेना ने अर्जी दायर कर अप्रूवर बनने के लिए इच्छा जाहिर की थी। जिस अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट 28 फरवरी को सुनवाई करेगा।
करीब छत्तीस हजार करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला मामले में गिरफ्तार राजीव सक्सेना प्रवर्तन निदेशालय का अप्रूवर बनने के लिए तैयार हो गया है। सक्सेना ने अर्जी दायर कर अप्रूवर बनने के लिए इच्छा जहीर किया है। जिस अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट 28 फरवरी को सुनवाई करेगा।
दरअसल पिछली सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से यह कहते हुए राजीव सक्सेना की रिमांड की अवधि बढ़ाने की मांग की थी कि यह केस अहम मोड़ पर है और कई अन्य लोगों के नामों के खुलासे के लिए अतिरिक्त पूछताछ की जरूरत है। इससे पहले वकील गौतम खेतान के साथ सक्सेना का आमना सामना कराने की दलील देकर ईडी ने रिमांड की अवधि बढ़वा ली थी। गौतम खेतान इस मामले में सह आरोपी है। प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि सक्सेना ने गौतम खेतान के साथ साठगांठ कर अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर के करार को प्रभावित करने के लिए विभिन्न राजनीतिज्ञों, नौकरशाहो और वायुसेना के अधिकारियों को भुगतन करने के उद्देश्य से अपराध के तहत अवैध धन के शोधन के लिए वैश्विक कारपोरेट ढांचा प्रदान किया।
बता दें की प्रवर्तन निदेशालय पूरक आरोप पत्र दायर किया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने मुख्य आरोपी कार्लो गेरोसा, राजीव सक्सेना और ग्विडो हैश्के के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। गौरतलब है कि राजीव सक्सेना दुबई का कारोबारी है और प्रवर्तन निदेशालय ने 18 जुलाई 2018 को इस केस में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसमे एसपी त्यागी, उनके दो भाइयों, वकील गौतम खेतान, इटली निवासी दो बिचौलियों सहित कुल 34 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
स्पेशल जज अरविंद कुमार की कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि करीब 20 मिलियन यूरो यानि करीब 161 अरब रुपये की हेराफेरी की गई। पैसों की लेन देन में कई विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। इस घोटाले में ईडी ने पहले भी एक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमे एयर फोर्स के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी, उनके दो चचेरे भाईयो, वकील गौतम खेतान, दो इटैलियन दलाल और फिनमेक्कानिका के खिलाफ दाखिल किया गया जिसमें दुबई की एक कंपनी को आरोपित बनाया गया है।