पार्टी सिंबल के लिए घूस देने का मामला, टीटीवी दिनाकरन पर आरोप तय

By Gopal Krishan  |  First Published Nov 17, 2018, 4:48 PM IST

तमिलनाडु में शशिकला की पार्टी को चुनाव चिन्ह दिलवाने के लिए सुकेश चंद्रशेखर ने टीटीवी दिनाकरन से 10 करोड़ में सौदा तय किया था। वह इन रूपयों से चुनाव आयोग को रिश्वत देकर चुनाव चिन्ह शशिकला गुट को दिलवाना चाहता था।

नई दिल्ली- दिल्‍ली के पटियाला हाउस कोर्ट के एक विशेष अदालत ने दो पत्‍ती वाले चुनाव चिन्‍ह के आवंटन के सिलसिले में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्‍वत देने के प्रयास के मामले में टीटीवी दिनाकरन, बिचौलिए सुकेश चंद्रशेखर उसका दोस्त मल्लिकार्जुन व हवाला कारोबारी नत्थू सिंह व ललित कुमार सहित अन्य के खिलाफ आरोप तय कर दिया है। 

अब इन सभी के खिलाफ 17 दिसंबर से सेक्शन 8 ऑफ पीसी एक्ट और 120बी के तहत ट्रायल चलेगा।

दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा ने इन सभी के खिलाफ 14 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी करने, फर्जी दस्तावेजों को असली दिखाने, जाली दस्तावेज रखने, असली दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल करने की मंशा और आपराधिक षडयंत्र समेत आईपीसी के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों को लेकर चंद्रशेखर व अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। 

इसके साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सरकारी सेवकों को अवैध तरीके से प्रभावित कर रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया गया है। तमिलनाडु में शशिकला की पार्टी को चुनाव चिन्ह दिलवाने के लिए सुकेश चंद्रशेखर ने टीटीवी दिनाकरन से 10 करोड़ में सौदा तय किया था। वह इन रूपयों से चुनाव आयोग को रिश्वत देकर चुनाव चिन्ह शशिकला गुट को दिलवाना चाहता था। लेकिन बीते अप्रैल माह में अपराध शाखा ने सुरेश चंद्राशेखर को आरकेपुरम स्थित एक नामी होटल से गिरफ्तार किया था। तब से सुकेश तिहाड़ जेल में बंद है। 

सुकेश के खिलाफ बेंगलुरु और कोयम्बटूर में भी दर्ज हैं मामले

बतादें कि मामले में दिनाकरन और उसका दोस्त मल्लिकार्जुन व हवाला कारोबारी नत्थू सिंह व ललित कुमार भी आरोपी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद पार्टी के दो गुटों में सत्ता पाने को लेकर संघर्ष शुरू हुआ था। एक सीट पर उपचुनाव के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से एआइएडीएमके का चुनाव चिह्न दो पत्ती पर अपना हक जमाए जाने के बाद पार्टी चिन्ह को चुनाव आयोग ने जब्त कर दिया था। गौरतलब है कि इन अपराधों में दोषी पाए जाने पर अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।

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