ट्विटर को रियायत नहीं, सीईओ जैक डॉर्सी को 25 फरवरी तक संसदीय समिति के सामने पेशी की चेतावनी

By Team MyNationFirst Published Feb 11, 2019, 7:57 PM IST
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ट्विटर के स्थानीय कार्यालय के प्रतिनिधि सोमवार को समिति के समक्ष पेश होने के लिए संसद की एनेक्सी में पहुंचे थे लेकिन उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया। 

संसद की सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित स्थायी समिति के समक्ष ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी की पेशी का मुद्दा गहराता जा रहा है। संसदीय समिति ने कहा है कि जब तक ट्विटर के सीईओ डोर्सी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी नहीं आते तब तक ट्विटर की किसी भी टीम से नहीं मिला जाएगा। समिति ने ट्विटर सीईओ को पेश होने के लिए 25 फरवरी तक का समय दिया है।

समिति के अध्यक्ष एवं बीजेपी के सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि ट्विटर प्रमुख एवं अन्य प्रतिनिधियों को 25 फरवरी को पेश होने के लिए कहा गया है। वैसे, ट्विटर के स्थानीय कार्यालय के प्रतिनिधि सोमवार को समिति के समक्ष पेश होने के लिए संसद की एनेक्सी में पहुंचे थे लेकिन उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया। 

Twitter team including Twitter India representatives arrive at Parliament to appear before Parliamentary Committee on Information Technology today. Earlier Twitter had refused to appear citing 'short notice' of the hearing. The Committee had called Twitter via a letter on Feb 1. pic.twitter.com/UZkLoEIyu3

— ANI (@ANI)

समिति की बैठक पहले 7 फरवरी को होने वाली थी लेकिन ट्विटर सीईओ तथा अन्य अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए इसे टालकर 11 फरवरी कर दी गई थी। इससे पहले सूचना प्रौद्योगिकी के मामले की संसदीय समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने पहली फरवरी को चिट्ठी लिखकर ट्विटर के अधिकारियों को 11 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था।

अनुराग ठाकुर की चिट्ठी के जवाब में ट्विटर की तरफ से कहा गया कि सुनवाई के लिए कम समय दिए जाने के कारण सुनवाई के लिए उपस्थित होने के लिए ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों का अमेरिका से भारत आ पाना संभव नहीं हो सकेगा। इसके बाद संसदीय समिति को 7 फरवरी को ट्विटर के कानूनी, नीतिगत, विश्वास और सुरक्षा विभाग की प्रमुख विजया गड्डे ने पत्र लिखा जिसमें कहा गया कि ट्विटर इंडिया के लिए काम करने वाला कोई भी व्यक्ति भारत में सामग्री और खाते से जुड़े नियमों के संबंध में कोई प्रभावी फैसला नहीं करता है। 

चिट्ठी में आगे लिखा गया कि भारत की संसदीय समिति के समक्ष ट्विटर का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी छोटे कर्मचारी को भेजना ठीक नहीं होगा, खासकर तक जब उनके पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। संसदीय समिति की बैठक पहले 7 फरवरी को होनी थी लेकिन ट्विटर के सीईओ और अन्य अधिकारियों को और अधिक समय देने के लिए बैठक को 11 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। लेकिन अधिक समय दिए जाने के बावजूद सोमवार को भी ट्विटर के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारी संसदीय समिति के पेश नहीं हुए। 

दरअसल, कुछ दिन पहले ही सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर और फेसबुक समेत अन्य सोशल नेटवर्किंग साइटों से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि उनके मंचों का इस्तेमाल भारतीय चुनावों को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जाएगा। इसी के लिए संसदीय समिति ने ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी और शीर्ष अधिकारियों को समिति के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया था। 

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