सेना लद्दाख में बनाएगी ग्लेशियर से होकर गुजरने वाली दुनिया की पहली सड़क

18 हजार फुट की ऊंचाई पर बन रही यह सड़क सासोमा से सासेर ला के बीच संपर्क का एक अहम माध्यम बनेगी। अधिकतर सर्दियों के महीने में इनका संपर्क बाकी हिस्सों से कट जाता है।

World's first road through glacier to stand in Ladakh

श्रीनगर—भारतीय सेना ग्लेशियर से होकर गुजरने वाली दुनिया की पहली सड़क बनाने जा रही है। करीब 18 हजार फीट की हाईट पर इस काम को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के बहादुर कर्मी अंजाम देंगे।

बीआरओ मौसम की अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद लद्दाख में ग्लेशियर से होकर गुजरने वाली दुनिया की पहली सड़क तैयार करने में जुटे हैं जिस पर मोटर वाहन भी चल सकेंगे। यह सड़क ‘हिमांक’ परियोजना के तहत बनायी जा रही है।

बीआरओ के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘बीआरओ दुनिया की सबसे ऊंची ग्लेशियर को काटकर सड़क तैयार कर रहा है जिस पर मोटर वाहन भी चल सकेंगे। यह क्षेत्र जम्मू कश्मीर में पूर्वी लद्दाख में है।’’ 

18 हजार फुट की ऊंचाई पर बन रही यह सड़क सासोमा से सासेर ला के बीच संपर्क का एक अहम माध्यम बनेगी। अधिकतर सर्दियों के महीने में इनका संपर्क बाकी हिस्सों से कट जाता है।

सासेर ला को सासेर दर्रा के नाम से भी जाना जाता है। काराकोरम पर्वतीय श्रृंखला में पड़ने वाला यह सबसे ऊंचा दर्रा है। लद्दाख में लेह से तारिम नदीघाटी के यारकंद को जोड़ने वाला यह सबसे पुराना काफिला मार्ग है।

अधिकारी ने बताया, ‘‘चूंकि सर्दियों में यहां तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है और गर्मियों में यह 12 डिग्री सेल्सियस तक बना रहता है तो ऐसी स्थिति में काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘हाड़ कंपा देने वाली बर्फीली हवाओं के अलावा अनदेखे हिम दरारों और हिमस्खलन का भी खतरा है। बर्फ जब पिघलती है तब ग्लेशियर धीरे-धीरे दूर हटने लगते हैं, जो निर्माण में परेशानी को और बढ़ा सकते हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसे चंद ही महीने ही हैं जिनमें निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। इसीलिये लक्ष्य को पाने के लिये अधिकारियों ने योजनाओं और रणनीतियों के साथ पूरी तैयारी की है।
 

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