Raksha ‌Bandhan 2023: 30 अगस्त को कब तक रहेगी भद्रा, कब बांधें भाई को राखी, कौन-सा मंत्र बोलें? जानें हर बात

By Manish Meharele  |  First Published Aug 27, 2023, 4:31 PM IST

Raksha bandhan Kab Hai: हिंदू धर्म में भाई-बहन से जुड़े कई त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें से सबसे खास है रक्षाबंधन। ये त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस त्योहार से जुड़ी कईं कथाएं प्रचलित हैं। 
 

उज्जैन. भाई-बहन का रिश्ता जितना नटखट है उतना ही पवित्र भी है। इस रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए कई त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें सबसे खास है रक्षाबंधन (Raksha bandhan Ki Tarikh) । ये त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और भाई अपनी बहनों को रक्षा करने का वचन देते हैं। इस बार ये पर्व 30 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा होने से कुछ असमंजस की स्थिति बन रही है। आगे जानिए इस त्योहार से जुड़ी हर खास बात…

कब से कब तक रहेगा भद्रा?(Bhadra on Raksha bandhan 2023)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मितेश पाण्डे के अनुसार, इस बार श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त, बुधवार को होने से इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 10:58 से शुरू होगी, इसी के साथ भद्रा भी लग जाएगी, जो रात 9 बजे तक रहेगी। भद्रा में रक्षाबंधन पर्व मनाना शुभ नहीं माना जाता, इसलिए रात 9 बजे तक बहनों को इंतजार करना होगा।

कब बांधें भाई की कलाई पर पर राखी? (Raksha bandhan 2023 Shubh Mihurat)
ज्योतिषाचार्य पं. पाण्डे के अनुसार, रात को 9 बजे जैसे ही भद्रा समाप्त होगी, उसके बाद रक्षाबंधन पर्व मनाया जा सकता है। पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त, गुरुवार की सुबह 07.30 तक रहेगी, लेकिन प्रतिपदा युक्त पूर्णिमा तिथि में रक्षाबंधन मनाना निषेध है, इसलिए रक्षाबंधन का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 9 बजे बाद ही है।

भाई को राखी बांधते समय कौन-सा मंत्र बोलें? (Rakhi Bandhne Ka Mantra) 
- रक्षाबंधन पर रात 9 बजे से पहले पूजा की थाली तैयार कर लें। इसमें कुमकुम, चावल, मिठाई, राखी, पानी से भरा लोटा आदि चीजें आवश्यक रूप से होना चाहिए।
- राखी बांधते समय इस बात का ध्यान रखें कि भाई-बहन का मुख दक्षिण या पश्चिम की ओर नहीं होना चाहिए। भाई-बहन जमीन पर बैठकर आसन पर बैठें।
- पहले बहन अपने भाई को कुमकुम या केसर से तिलक लगाएं। भाई के हाथ में नारियल देकर रक्षासूत्र बांधें और ये मंत्र बोलें-
येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:.
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल

- इसके बाद भाई का मुंह मीठा कराएं और वस्त्र, रुपए जो देना चाहती हैं वो दें। भाई अपनी बहन को उपहार दें और पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करे।
- इस तरह बारी-बारी से बहन अपने भाइयों की राखी बांधें और सभी भाइयों को साथ बैठाकर उनकी आरती उतारें। 

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