Budget 2024: 'ग्रेट इंडियन वेडिंग सीज़न' में कैसे और अधिक चमक लाएगा सस्ता सोना? चेक डिटेल

By Surya Prakash TripathiFirst Published Jul 24, 2024, 2:38 PM IST
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Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बेसिक कस्टम ड्यूटी में कटौती से सोना, चांदी और प्लैटिनम की कीमतों में गिरावट। जानें नए रेट्स और इसके फायदे।

नई दिल्ली। फाईनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद सोना, चांदी और प्लैटिनम सस्ते होने की पूरी तैयारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 पेश किया, जिसमें कीमती वस्तुओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटीज (BCD) में कटौती का प्रस्ताव रखा गया।

बजट 2024 में कितनी घट गई इंपोर्ट ड्यूटी?
बजट में सोने (Gold) और चांदी (Silver) पर कुल इंपोर्ट ड्यूटी 15% से घटाकर 6% कर दिया गया। इससे सोने की कीमत 72,700 रुपये प्रति 10 ग्राम (24 कैरेट) पर आ गई, जो 2,800 रुपये सस्ता है, जबकि, सोने की कीमत 1,650 रुपये प्रति किग्रा. 87,350 रुपये पर आ गई। विशेष रूप से प्लैटिनम पर शुल्क घटाकर 6.4% कर दिया जाएगा और इसकी कीमत 28,940 रुपये प्रति 10 ग्राम होगी।

आगामी त्यौहारी सीजन में आम आदमी को कितना होगा फायदा?
भूराजनीतिक अनिश्चितताओं के परिणामस्वरूप, सभी कीमती धातुओं की कीमतें काफी ऊंची थीं। शुल्क में कटौती से ग्राहकों को आगामी त्योहारी सीजन और उसके बाद के विवाह सीजन में सोना, चांदी, प्लैटिनम और हीरे के आभूषण खरीदने में बड़ी राहत मिलेगी। इससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।"

गोल्ड-सिल्वर में इन्वेस्टमेंट बढ़ने की हैं उम्मीद
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के निदेशक हरेश आचार्य ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इससे बुलियन की मांग भी बढ़ेगी और सोने और चांदी के एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों के साथ-साथ सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। सूरत स्थित सिल्वर आर्टवर्क निर्माता महेश रूंगटा ने कहा कि चांदी की कीमतें कम होने के कारण कई निर्माताओं ने शुल्क में कटौती को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। कच्चे हीरों की बिक्री पर 2% इक्विलेशन लेवी से हीरो को बाहर करने का निर्णय हीरा इंडस्ट्री में भारत के नेतृत्व को बनाए रखने और ऑपरेशनल स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

सेफ हार्बर के माध्यम से विशेष नोटिफाईड एरिया में कच्चे हीरों की बिक्री की मांग
जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष विपुल शाह ने बताया कि नियम (SHR) उद्योग के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। भारत बेल्जियम और दुबई जैसे ग्लोबल सेंटर के साथ बराबरी पर होगा।

 


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