कम्युनिस्ट पार्टी के एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा आधिकारिक तौर पर कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गये हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी के एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा आधिकारिक तौर पर कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गये हैं। इस बात से एक सार्वजनिक धारणा खारिज होती है जिसमें पैसे वाले लोगों को राजनीतिक रूप से स्वतंत्र समझा जाता है।
पीपुल्स डेली ने 100 लोगों की एक सूची जारी की है, जिसमें जैक मा का नाम भी है। सूची में उन लोगों के नाम हैं जो पार्टी में शामिल हुए हैं। इसपर अखबार में लिखा गया है कि देश को सुधारने और विकास की प्रक्रिया में यह सभी सहायक साबित होंगे।
जैक मा ने चीन में ऑनलाइन रिटेलिंग बूम लॉन्च करने में मदद की थी। उन्होंने इसी सितंबर में घोषणा की थी कि वह अगले वर्ष अलीबाबा के अध्यक्ष का पद को छोड़ देंगे।
फोर्ब्स के मुताबिक उनके पास 35.8 अरब डॉलर की धनराशि है। वह चीन के सबसे अमीर आदमी हैं।
जैक की राजनीतिक संबद्धता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि उन्हें पार्टी के जनादेश और अलीबाबा के शेयरधारकों के हितों के बीच किसी एक का चयन करना पड़े तो वे क्या करेंगे।
अलीबाबा ने जैक मा द्वारा पार्टी की सदस्यता लेने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि राजनीतिक संबंधों की वजह से फर्म के संचालन में कोई असर नहीं पड़ेगा।
जैक मा पहले अंग्रेजी के शिक्षक रहे हैं। उन्होंने 1999 में पूर्वी खुदरा विक्रेताओं के साथ चीनी निर्यातकों को जोड़ने के लिए हांग्जो के पूर्वी शहर के एक अपार्टमेंट में अलीबाबा की स्थापना की। उसके बाद उपभोक्ता खुदरा बिक्री में विस्तार हुआ। बेची गई वस्तुओं के कुल मूल्य के साथ-साथ ऑनलाइन वित्त, क्लाउड कंप्यूटिंग और अन्य सेवाओं के द्वारा वह दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन गई। अलीबाबा के 25 अरब डॉलर के शुरुआती सार्वजनिक स्टॉक ने 2104 में वॉल स्ट्रीट पर अपनी मौजूदगी पेश की। यह किसी भी चीनी कंपनी द्वारा अभी तक की सबसे बड़ी स्टॉक वेल्यू थी।