भोपाल.  शशि चौधरी जिनकी हाइट 3 फुट 6 इंच है माय नेशन हिंदी से बात करते हुए कहती हैं 'मैं मेरा भाई मेरी मम्मी मेरे पापा घर से निकलते हैं, तो लोग देख कर हंसते हैं, कोई बौना कहता है कोई नाटा कहता है, जिसका जैसे मन करता है मजाक बनाता है, बुरा बहुत लगता है लेकिन यह हमारे हाथ में तो नहीं था, भगवान ने हमें ऐसा ही बना कर भेजा है इसमें हमारी क्या गलती है। बौना होना कोई अपराध नही है'

कौन हैं शशि चौधरी 
शशि चौधरी की उम्र 23 साल है उनके घर में उनके मम्मी पापा और भाई हैं। पिता राजू चौधरी की हाइट 4 फुट है भाई और मां की 3.9 फुट है जबकि शशि 3.6 फुट की है। शशि के घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है फिर भी मां-बाप ने बहुत मेहनत करके बच्चों को पढ़ाया है।  शशि ने बीकॉम किया है और कॉमर्स में पीजी कर रही हैं। शशि का एक छोटा सा जनरल स्टोर है फुटपाथ पर चाय मंगोड़े का स्टाल भी है, इसी से घर का खर्च चलता है।  इनके परिवार पर एक फिल्म 'दो कदम' भी बन चुकी है। 

लोगों ने इतना मजाक बनाया कि स्कूल जाना बंद कर दिया
शशि कहती हैं जब मैं सेवंथ क्लास में थी और क्लास में जाती तो क्लास के बच्चे मेरा मजाक बनाते, जानबूझकर मुझे पीछे बैठने को कहते। मैं क्लास में जैसे ही घुसती पूरा क्लास ठहाका लगाना शुरु कर देता। जब मैं नाइंथ क्लास में थी एक दिन एक लंबा लड़का आया और कहा मेरे साथ आओ हाइट नापना है। मैं उसके साथ गई थोड़ी देर में वह बोला तुम थर्ड क्लास में एडमिशन ले लो। उस लड़के ने जैसे ही यह बोला पूरा क्लास हंसने लगा। मैं रोती रही और घर वापस आ गई। कई दिन तक स्कूल नहीं गई, जब स्कूल जाने का सोचती तो यही डर सताता कि लोग मेरा मजाक उड़ाएंगे।

मां दूसरों के घरों में बर्तन मांजती है
शशि कहते हैं हमारे मां-बाप हमें बहुत मेहनत से पढ़ा रहे थे मेरी मां दूसरों के घरों में बर्तन मांजती हैं, मैंने यह सोच लिया था कि मैं बर्तन नहीं मानूंगी जो लोग मेरा मजाक उड़ाते हैं उनका जवाब मैं पढ़ लिख कर दूंगी मैंने मेहनत से पढ़ाई किया और 12वीं में 79 प्रतिशत ,बीकॉम में 77 प्रतिशत और दसवीं में 70 प्रतिशत हासिल किया। स्कूल मैं कोई मेरा मजाक उड़ाता  तो मैं उसे जवाब दे देती बहुत सारे बच्चों से मेरी दोस्ती हो गई। अक्सर यह बच्चे मुझसे पूछते तुम्हारी हाइट क्यों कम है तो मैं जवाब देती "मुझे भगवान ने ऐसा ही बनाया है" मेरा एक ही लक्ष्य था पढ़ना। दिन में मैं अपना जनरल स्टोर संभालती हूं और रात में पढ़ाई करती हूं। कॉम्पिटेटिव एक्जाम की तैयारी भी कर रही हूँ ।शशि कहती हैं नानी के घर पर सब लोग लंबे हैं वहां पर हमारे मम्मी पापा का मजाक बनाया जाता था इसलिए मम्मी पापा ने वहां जाना बंद कर दिया। 

सोशल मीडिया पर रील्स बनाना शुरू किया
कोविड में शशि ने अपने भाई के साथ रील बनाना शुरू किया, यह आईडिया भी हमें लॉकडाउन में आया। हमारे रील्स वायरल होने लगे, कोविड गाइडलाइन पर एक रील बनाया था जो बहुत वायरल हुआ इस रील के बाद लोग शशि को पहचानने लगे।  शशि अपने पूरे परिवार के साथ भी रील बनाती है। इंस्टाग्राम पर उनके एक लाख 87 हज़ार फॉलोअर हैं जबकि यूट्यूब पर साढ़े चार लाख फॉलोअर है। यूट्यूब से शशि को अच्छा पैसा आता है जो वह अपने माता पिता को देती हैं।

लोगों ने कहा वीडियो मत बनाओ
शशि कहती है हमारे वीडियो वायरल हुए तो लोगों ने कहा वीडियो मत बनाया करो सर्कस के जोकर लगते हो, कोई कहता बौना  होना पिछले जन्म का पाप है, जिसका जो मन करता वह हमारे ऊपर कमेंट पास पड़ता लेकिन हम सोच चुके थे कि हमें अपने बौनेपन को ही अपनी ताकत बनानी है हमें किसी के नेगेटिव कमेंट को अपने दिल पर नहीं लेना है भगवान ने कुछ सोच कर ही हमें ऐसा बनाया होगा। कम से कम हमारे हाथ पैर सही सलामत तो है, हम अपने काम खुद से कर सकते हैं, किसी के मोहताज नहीं है। इससे बढ़कर और क्या चाहिए हमारा पूरा परिवार एक साथ है हम हर मुश्किल समय में खुश रहते हैं। हमारी यही उपलब्धि है।

भाई के साथ के वीडियो खूब पसंद करते हैं लोग
शशि कहती हैं लोग हमारा मज़ाक उड़ाते थे, आज हमारे फनी वीडियो लोगों के चेहरे पर स्माइल लाते हैं, उनके भाई करन के साथ के वीडियो लोग बहुत पसंद करते हैं. वीडियो की एडिटिंग उन्होंने खुद ही सीखा, पैसे इकठ्ठा करके 65  हज़ार का मोबाइल खरीदा और  एडिटिंग के लिए करीब 36 हज़ार का एक लैपटॉप खरीदा।  हाल ही में स्कूटी भी लिया है।  धीरे धीरे ज़िंदगी की दुश्वारियां कम होती जा रही हैं।

ये भी पढ़ें 

मेरा पैर ट्रेन की कैंची में फंसा था, मैं अपना हाथ पैर कटते देख रहा था- मगर वो बच गयी...