लखीमपुर खीरी। यूपी के एक बुजुर्ग गजलकार और लेखक मधुकर शैदाई ने कमाल कर दिया है। उन्होंने इतनी लम्बी गजल लिखी है, जो लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज है। उनकी कलम यहीं नहीं रूकी है, अभी व​ह अपनी इस अधूरी गजल को पूरा कर रहे हैं और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने की तैयारी मे हैं। 

515 शेरों से तैयार हुई ये गजल 

सामान्यत: आपने किसी गजल में 5 से 7 शेर पढे होंगे। खीरी के मधुकर शैदाई ने गजल में 515 शेरों से तैयार की है। लिम्का बुक ने इसे सबसे लम्बी गजल माना है। इसके बाद अब शैदाई इस गजल को और बढ़ा रहे हैं और इसमें 200 शेर और जोड़कर ​वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं।

इस तरह बढ़ा उत्साह, और लिम्का बुक में दर्ज हो गया नाम

जानकारी के अनुसार, मधुकर शैदाई एक दिन गजल लिखने के क्रम में घंटे भर में 20 शेर​ लिख डाले तो उन्होंने सोचा कि इसी तरह और शेर लिखे जा सकते हैं और धीरे धीरे उन्होंने 200 से ज्यादा शेर लिख डालें। फिर उनका उत्साह और बढ़ा और उन्होंने उसी गजल में शेरों की संख्या बढ़ाकर 500 कर दी। लोगों को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्हें अपना काम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भेजने को कहा गया। उन्होंने अपनी गजल लिम्का बुक को भेजी और फिर एक नया रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हो गया। 

लिख चुके हैं गजल संग्रह ओर मुक्तक संग्रह

दरअसल, पिछले 2 साल में उन्होंने खूब शेर लिखे हैं। जिनकी संख्या 200 से ज्यादा है और इस तरह वह लगातार गजल को शेर लिखकर और बड़ा कर रहे हैं। अब वह अपने गजल को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड को भेजने की तैयारी मे हैं। वह अपने लेखन के लिए फिराक गोरखपुरी से लेकर साहिर लुधियानवी तक बड़े बड़े शायरों को योगदान मानते हैं। शैदाई की गजल संग्रह ओर मुक्तक संग्रह भी लिखे हैं। उनमें गजल के आंचल पर, कुछ साये—कुछ धूप, दर्पण बोल उठा, आवाज हिंदुस्तान की, यादों के साए शामिल हैं। 

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