वायरल डेस्क। हादसे कभी बता कर नहीं होते। कई बार लापरवाही तो कई बार प्राकृतिक आपदा के कारण इंसान इसकी चपेट में आ ही जाता है। इसी तरह कई बार फिल्मों और सीरियल की शूटिंग के दौरान सेट पर भी तमाम घटनाएं होती रही है। जिसमें कई लोगों की जान गई है। खासकर इन घटनाओं का कारण आग लगना होता है कई बार तो सेट पर लगी आग के कारण कलाकारों को अपनी जान से हाथ तक धोना पड़ा। हम आपको एक ऐसे ही हादसे के बारे में बताने जा रहे हैं।

 द स्वॉर्ड ऑफ टीपू के सेट पर लगी आग 

90 के दशक में टीवी का ऐतिहासिक शो द स्वार्ड ऑफ टीपू सुल्तान सबसे महंगे शोज में गिना जाता था। टीपू सुल्तान के जीवन आधारित इस शो को संजय खान और उनके भाई अकबर खान द्वारा निर्देशित किया गया था। संजय खान शो में प्रमुख भूमिका में थे। वही शाहबाज खान,दीपा चिखलिया, अनंत महादेवन, मुकेश ऋषि, आदि सहयोगी कलाकार थे।

अग्निकांड में गई 62 लोगों की जान 

8 फरवरी 1989 को मैसूर के प्रीमियर स्टूडियो के सेट पर शो की शूटिंग हो रही थी कि इस दौरान सीन में आतिशबाजी से उठी आग की चिंगारी ने पूरे सेट को अपने आगोश में ले लिया। इस वक्त इतने ज्यादा उपकरण नहीं थे कि आप पर किसी तरह काबू पाया जाए। सेट पर फैले तारों में आग फैलती गई और सब कुछ जलकर राख हो गया। बताया जाता है कि आग इतनी भीषण थी  62 क्रू मेंबर्स और कलाकारों की जान चली गई और शो का प्रोडक्शन लंबे वक्त तक बंद रहा।

हादसे में घायल हुए एक्टर संजय खान

हादसा इतना भयानक था कि शो के मुख्य कलाकार संजय खान करीब 65% जल गए थे और उनके जिंदा रहने के चांस केवल 10% थे।‌ वह 13 महीने तक हॉस्पिटल में एडमिट रहे थे। इस दौरान उनकी 73 बार सर्जरी हुई थी। सजंय ने ये भी बतााया कि उसके वक्त के तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने दिल्ली से डॉक्टरों की टीम भेजी थी जिस कारण उनकी जान बच सकी हालांकि डॉक्टर्स ने उन्हें एक्टिंग का करियर छोड़ने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से शो की शुरुआत की और इस हादसे के पीड़ितों को ₹5000 मुआवजे के तौर पर प्रदान किए।

हादसे के बाद फिर से खड़ा हुआ शो

कई दिनों तक शो बंद रहा लेकिन अकबर और संजय खान ने हार नहीं मानी और वे दोबारा शो की शूटिंग पूरी करने में सफल रहे। 1990 में शो को फिर से प्रसारित किया गया और अप्रैल 1991 तक 60 एपिसोड तक जारी रहा। हादसे के बाद फिर से कमबैक करने पर इस शो की जमकर तारीफ हुई यह शो नई ऊंचाइयों पर जा पहुंचा। इसे तेलुगु, बंगाली और तमिल में डब किया गया।  इतना ही नहीं इसे यूके, ईरान, इंडोनेशिया और मॉरिशस में भी प्रसारित किया गया।

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