आगरा के एक छोटे से गांव के किसान की बेटी शालिनी सिंह का परिवार एक कमरे में रहता था। अभाव के बीच पली-बढ़ी। संघर्षों से उनका ऐसा नाता रहा कि एग्जाम के समय भी हेल्थ इशू झेल रही थीं। तमाम मुश्किलों के बीच पीसीएस एग्जाम क्रैक किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के मौके पर जानते हैं उनकी इंस्पिरेशन स्टोरी।