राज्य में कांग्रेस ने अपना एक ही प्रत्याशी मैदान में उतार कर उद्धव ठाकरे को राहत की सांस दी है। राज्य में उद्धव ठाकरे किसी भी सदन के सदस्य नहीं है और 28 मई तक उन्हें परिषद का सदस्य बनना है। जिसके बाद उनके मुख्यमंत्री की कुर्सी को किसी भी तरह का खतरा नहीं होगा। हालांकि अब तय हो गया है कि ठाकरे परिषद में जाएंगे। आज शिवसेना प्रमुख ने अपना नामांकन दाखिल किया।