नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू ची म्यांमार में लोकतंत्र की वापसी के लंबा संघर्ष किया इसी के लिए लंदन स्थित वैश्विक मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उन्हें अपना सर्वोच्च सम्मान ‘ऐम्बैसडर आफ कॉन्शन्स अवार्ड’ से नवाजा था।
लंदन—एमनेस्टी इंटरनेशनल ने म्यांमार की नेता आंग सान सू ची से अपना सर्वोच्च सम्मान वापस ले लिया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यह फैसला रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ म्यांमार की सेना द्वारा कथित रुप से किए गए अत्याचारों पर उनकी ‘‘उदासीनता’’ के कारण लिया है।
लंदन स्थित वैश्विक मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि वह सू ची को दिया गया ‘‘ऐम्बैसडर आफ कॉन्शन्स अवार्ड’’ वापस ले रहा है जो उसने उन्हें 2009 में उस समय दिया था जब वह घर में नजरबंद थीं।
समूह द्वारा जारी एमनेस्टी इंटरनेशनल प्रमुख कूमी नायडू द्वारा लिखे खत में कहा गया है, ‘‘आज हम अत्यंत निराश हैं कि आप अब आशा, साहस और मानवाधिकारों की रक्षा की प्रतीक नहीं हैं।’’
Amnesty International has announced that it has withdrawn its highest honour, the Ambassador of Conscience Award, from State Counsellor of Myanmar Aung San Suu Kyi. (file pic) pic.twitter.com/cx8KeEwOwI
— ANI (@ANI) November 12, 2018
समूह ने कहा कि उसने अपने फैसले के बारे में सू ची को रविवार को ही सूचित कर दिया था। उन्होंने इस बारे में अब तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू ची म्यांमार में लोकतंत्र की वापसी के लंबा संघर्ष किया इसी के लिए लंदन स्थित वैश्विक मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उन्हें अपना सर्वोच्च सम्मान ‘ऐम्बैसडर आफ कॉन्शन्स अवार्ड’ से नवाजा था। जिसे अब वापस ले लिया गया है।
Last Updated Nov 13, 2018, 11:03 AM IST