यूरोपीय ब्लॉक से बाहर होने के बावजूद ब्रिटेन सरकार यूरोपीय संघ के साथ करीबी आर्थिक और सुरक्षा संबंध बनाए रखना चाहती है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा में अपनी बहुप्रतीक्षित ब्रेग्जिट योजना को बृहस्पतिवार को सार्वजनिक कर सकती हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) से वार्ता को लेकर टेरीजा को अपने कैबिनेट सहयोगियों के भारी विरोध का  सामना करना पड़ रहा है। 

इस संबंध में जारी होने वाले पॉलिसी पेपर की प्रस्तावना में ब्रेग्जिट सचिव डोमनिक राब ने कहा है कि यह ब्रेग्जिट के लिए आए जनमत का सम्मान करता है। यह एक सैद्धांतिक और व्यावहारिक ब्रेग्जिट योजना है। 

हालांकि इस योजना का टेरीजा की कंजरवेटिव पार्टी के कुछ मंत्री विरोध कर रहे हैं। विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन, ब्रेग्जिट मंत्री डेविड डेविस और जूनियर ब्रेग्जिट मंत्री स्टीव बेकर इस्तीफा दे चुके हैं।  इन इस्तीफों को प्रस्तावित ब्रेग्जिट विजन के लिए अपनी पार्टी को एकजुट करने का प्रयास कर रहीं पीएम टेरीजा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे टेरीजा सरकार पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं। 

टेरीजा को ब्रूसेल्स में भी विरोध का सामना करना पड़ सकता है। अधिकारियों का साफ कहना है कि यूरोपीय यूनियन से संबंध को लेकर ब्रिटेन को अपनी उम्मीदों को कुछ कम करना चाहिए। टेरीजा ने यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क और जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल को अपनी योजना से अवगत कराया है। बताया जाता है कि उन्हें दोनों नेताओं की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। हालांकि उन्हें इस संबंध में विस्तृत ब्यौरे का इंतजार है। 

बात नहीं बनी तो बिगड़ सकते हैं आर्थिक हालात

दोनों पक्ष चाहते हैं कि अक्टूबर तक इस संबंध में कोई समझौता हो जाए। ताकि ब्रिटिश और यूरोपीय संसदों को इसके अनुमोदन का समय मिल सके। अगर ब्रिटेन बिना किसी डील के यूरोपीय यूनियन से बाहर आता है तो इससे दोनों पक्षों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। ब्रिटेन ने जून 2016 में ब्रेग्जिट के पक्ष में वोट किया था। लेकिन अभी तक टेरीजा मे ब्रूसेल्स के समक्ष कोई साझा स्थिति पेश नहीं कर पाई हैं।