पाकिस्तान से चलने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी के तौर पर चिह्नित करने के प्रस्ताव पर चीन एक बार फिर रोड़े अटकाने की तैयारी में है। सुरक्षा परिषद में इस प्रस्ताव पर फैसले से कुछ घंटे पहले चीन ने यह संकेत दिया है कि वह इस कदम का विरोध कर सकता है। 

चीन ने कहा कि इस मुद्दे के लिए ऐसा समाधान चाहिए जो सभी पक्षों के अनुकूल हो। मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी के तौर पर चिह्नित किए जाने के प्रस्ताव पर 24 घंटे से भी कम समय में फैसला आएगा। 

अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन एवं अमेरिका की ओर से 27 फरवरी को रखा गया था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया, ‘मैं यह दोहराता हूं कि चीन जिम्मेदाराना रवैया अपनाना जारी रखेगा और यूएनएससी1267 समिति के विचार-विमर्श में हिस्सा लेगा।' 

चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की शक्ति रखने वाला सदस्य है और सबकी निगाहें चीन पर हैं जो पूर्व में अजहर को संयुक्त राष्ट्र से वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में अड़ंगा डाल चुका है। चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि समाधान सभी को स्वीकार्य होना चाहिए। (इनपुट भाषा)