चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, ‘शुरू से ही चीन दोनों पक्षों को आह्वान कर रहा है कि वो संयम बरतें, तनाव कम करने के उपाय ढूंढें और मतभेदों को सुलझाने के लिए वार्ता करें।’
बीजिंग | चीन ने भारतीय वायु सेना के पायलट को रिहा करने के पाकिस्तान के फैसले का स्वागत किया है। उसने दोनों देशों से क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और आतंकवाद के मसले पर आपसी सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया है।
यह पूछने पर कि चीन पायलट को रिहा करने के पाकिस्तान के फैसले को कैसे देखता है और क्या बीजिंग ने इसमें कोई परोक्ष भूमिका निभाई है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, ‘शुरू से ही चीन दोनों पक्षों को आह्वान कर रहा है कि वो संयम बरतें, तनाव कम करने के उपाय ढूंढें और मतभेदों को सुलझाने के लिए वार्ता करें।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने घटनाक्रम पर ध्यान दिया है। चीन पाकिस्तानी पक्ष द्वारा जारी सद्भावना संकेतों का स्वागत करता है। तनाव घटाना दोनों देशों के हित में है। हम दोनों पक्षों से क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए संवाद में शामिल होने के लिए अपील करते हैं।’
लू ने कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से पुलवामा आतंकी हमले की जांच करने के प्रस्ताव के बारे में अगर विश्वसनीय सबूत प्रदान किए जाते हैं तो ‘दोनों पक्षों से हमारा आग्रह है कि वे मुद्दे से निपटने के लिए, संयुक्त प्रयासों के लिए और अनुकूल माहौल बनाने के लिए और अधिक उपाय करें।’
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद पर सहयोग और संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखना — यही चीन की नीति है।’ चीन का यह बयान आतंकवाद-विरोध और उग्रवाद के आधार को खत्म करने और रूस, भारत, चीन के तत्वावधान में संयुक्त नीति के समन्वय के लिए भारत की मांग का समर्थन करने के दो दिन बाद आया।
चीनी शहर वुझन में 27 फरवरी को आयोजित आरआईसी मंत्रियों की वार्ता के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए वांग ने कहा, ‘हम नीति समन्वय और व्यावहारिक सहयोग के माध्यम से आतंकवाद के सभी रूपों का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए सहमत हुए हैं। विशेष रूप से आतंकवाद और अतिवाद के आधार को मिटाना है।’ बैठक में शामिल होने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आरआईसी की बैठक से पहले वांग के साथ बातचीत की थी।
वांग ने अपनी समापन टिप्पणी में पाकिस्तान का समर्थन करते हुए एक संतुलन बनाने की कोशिश की, जिसमें कहा गया कि ‘हम मानते हैं कि पाकिस्तान हमेशा आतंकवाद का विरोध करता रहा है।’
साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान-स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में चीन रचनात्मक भूमिका निभाएगा। चीन ने अभी तक यह जाहिर नहीं किया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश सरगना मसूद अजहर के मुद्दे पर उसका क्या रुख होगा जब कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इस मौलाना को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव रखा है।
चीन ने अब तक भारत और तीन देशों के इस प्रस्ताव को तीन बार अपने वीटो का इस्तेमाल कर अवरुद्ध किया है। चीन ने अरजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। लू ने इस मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में गोल-मोल, कूटनैतिक जवाब दिया — ‘जैसा कि हमने कई मौकों पर कहा है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति संख्या 1267 के पास आतंकवादी संगठनों या व्यक्तियों और संबंधित प्रक्रियाओं की लिस्टिंग के स्पष्ट मानक हैं।’ उन्होंने कहा कि चीन सुरक्षा परिषद की संबंधित प्रतिबंध समितियों और अन्य सहायक निकायों की चर्चा में भाग लेना जारी रखेगा।
पाकिस्तान के मुताबिक, भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को भारत को लौटना उसकी तरफ से शांति वार्ता के लिए एक पहल है। इससे पहले पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर भारतीय सेना के ठिकानों पर बमबारी के इरादे से अपने विमान भेजे थे जिन्हें वायु सेना के मिग 21 बाइसन, मिराज और सुखोई लड़ाकू विमानों ने चुनौती दी थी। विमानों की इस लड़ाई में जहां एक पाकिस्तानी एफ-16 मार गिराया गया, वहीं भारत का एक मिग 21 बाइसन पाकिस्तान की तरफ जा गिरा जिसके पायलट अभिनंदन थे।
Last Updated Mar 1, 2019, 5:29 PM IST