नई दिल्ली—साइबर अपराधियों के लिए इस समय भारत सबसे आसान टारगेट में से एक बना हुआ है। भारत इस साल सबसे ज्यादा साइबर हमले झेलने वाले देशों की सूची में 21वें स्थान पर है। लेकिन इन सब के बीच राहत की खबर यह है कि भारत की साइबर सुरक्षा पहले से ज्यादा मजबूत हो रही है।

इसी साल भारत ने अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा में पहली बार टॉप 10 देशों की सूची में नाम दर्ज कराया है। जानकारों का मानना है कि देश में साइबर लॉ की सख्ती, साइबर जागरूकता और साइबर सुरक्षा को लेकर बड़े पैमाने पर सक्रियता का असर जल्द ही दिखने लगेगा।

इस साल की पहली छमाही में भारत पर कुल 6.95 लाख साइबर हमले हुए हैं। अकेले चीन, रूस, अमेरिका, नीदरलैंड और जर्मनी के साइबर अपराधियों ने भारत में कुल 4.3 लाख साइबर हमले किए हैं। इस दौरान भारत को अपने देश में बैठे साइबर अपराधियों के भी 73 हजार से ज्यादा हमलों का सामना करना पड़ा। साइबर सुरक्षा से जुड़ी फिनलैंड की कंपनी एफ-सिक्योर ने इसका खुलासा किया है।

कंपनी की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की तरफ से सबसे ज्यादा 2,55,589 साइबर हमले हुए। अमेरिका में बैठे साइबर अपराधियों ने इस दौरान भारत में अपने लक्ष्य को 103,458 बार निशाना बनाया। चीन से 42,544, नीदरलैंड से 19,169 और जर्मनी से 15,330 साइबर हमले हुए।

2018 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में भारत पर कुल साइबर हमलों की संख्या 6 लाख 95 हजार रही। साइबर हमले झेलने वाले देशों की सूची में भारत विश्व में 21वीं पायदान पर रहा।

यह खुलासा करने वाली संस्था एफ-सिक्योर के अधिकारियों के मुताबिक भारत तेजी से डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है। इसी वजह से दुनियाभर में बैठे साइबर अपराधी भारत को साइबर हमलों का निशाना बना रहे हैं।