क्विटो-- इक्वाडोर की उपराष्ट्रपति मारिया एलेजेंड्रा विकुना ने रिश्वतखोरी के आरोप लगने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया है। उनपर एक पूर्व सहयोगी ने रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। यह मामला उस समय का है जब वह सांसद थीं।

विकुना ने ट्विटर पर गुरुवार को पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दक्षिण अमेरिकी देश को इस संकट के कारण ‘अस्थिरता’ में नहीं झोंका जाना चाहिए।

उन्होंने यह घोषणा राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो के उनसे दूरी बनाने और उन्हें पद से निलंबित करके उन्हें आरोपों का मुकाबला करने के लिए वक्त देने के बाद की।

इक्वाडोर में उपराष्ट्रपति को नेशनल असेंबली में सिर्फ महाभियोग की प्रक्रिया के जरिए ही बर्खास्त किया जा सकता है। नेशनल असेंबली ने पिछले सप्ताह उनसे इस्तीफा देने को कहा था।

विकुना सिर्फ एक साल से इस पद पर थीं। उन्होंने मोरेनो द्वारा नियुक्त उपराष्ट्रपति जॉर्ज ग्लास की जगह ली थी। ग्लास को ओडब्रेख्त रिश्वत घोटाला मामले में संलिप्तता के लिये दोषी ठहराए जाने के बाद जेल भेजा गया था।

विकुना के खिलाफ आरोप उनके पूर्व सहयोगी एंजेल सैगबे ने लगाये हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह कहा था कि विकुना के सलाहकार के रूप में काम करने के दौरान उन्होंने नियमित रूप से विकुना के बैंक खाते में 2012 और 2013 के बीच धन जमा कराए। यह राशि कुल 20 हजार डॉलर है। उनका दावा है कि यह रकम रिश्वत के रूप में हासिल की गई थी।

अभियोजक विकुना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे हैं और उन्हें भरोसा है कि वह अदालत से बरी होंगी।