नस्लीय हिंसा की जांच में स्थानीय पुलिस जुटी है। पुलिस ने इसे जघन्य अपराध बताया है।


 जांच अधिकारी एडम क्रिस्टियनसन ने बताया कि स्थानीय लोगों की द्वारा नफरत में की गई इस हिंसा की जांच की जाच रही है। उन्होंने ये भी कहा कि सिख समुदाय के साथ हुई ये पहली वारदात नहीं है। पुलिस इसको लेकर गंभीर है।


जांच में जुटी पुलिस के मुताबिक काले कपड़े में आए दो स्थानीय युवकों ने सिख शख्स के साथ मारपीट की, उसको जमीन पर गिरा कर पीटा। हमलावरों ने ये भी कहा कि तुम यहां मत रहो, तुम भारत वापस जाओ।


वारदात के बाद तुरंत पीड़ित शख्स को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया, जहां उसे प्राथमिक उपचार मुहैया कराया गया। फेसबुक पर पोस्ट की गई एक पोस्ट से जानकारी मिली कि शख्स के सिर पर रॉड से हमला किया गया लेकिन पगड़ी पहने होने के कारण सिर में गहरा जख्म होने से बच गया।


जांच में जुटी पुलिस ने पीड़ित की पहचान को उजागर नहीं किया है। साथ ही महकमा चश्मदीद और अन्य साक्ष्यों को जुटा रही है ताकि इस जघन्य वारदात को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द उनके किए की सजा मिल सके।


पिछले कुछ सालों में अमेरिका में सिखों के साथ हुई नस्लीय हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। 9/11 के बाद तो मुसलमान होने के शक में भी सिखों पर हमले हुए।
जिस इलाके में ये वारदात हुई है, वहां सिख समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। इसी इलाके के स्टॉकटॉन में 1912 में पहले गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था। अनुमान के मुताबिक अमेरिका में करीब 5 लाख सिख रहते हैं।


नस्लीय हिंसा की वारदातों की वजह से सिख समुदाय के नेताओं ने अपने बयान में ये कहा है कि सिख लोगों के खिलाफ यहां नफरत का माहौल बन रह है जो चिंता की बात है। यहां तक कि 2018 की शुरुआत से हर हफ्ते औसतन एक सिख शख्स को नफरत की हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है।