कुछ महीने बाद होने जा रहे आम चुनाव में अगर गठबंधन की सरकार बनी तो अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने ये आशंका जताई है। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के मौजूदा मोदी सरकार के खिलाफ महागठबंधन बनाने की कोशिशों के बीच राजन ने यह बड़ा बयान दिया है। 

स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान राजन ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए राजन ने कहा कि अगली बार अगर देश में गठबंधन की सरकार बनी तो विकास की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरी है कि उद्योगों को अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया जाए। विपक्ष की मोर्चाबंदी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार यह कह रहे हैं कि देश को मजबूत सरकार चाहिए मजबूर नहीं। अब मोदी के विरोधी माने जाने वाले रघुराम राजन के बयान ने पीएम मोदी की दलील को बल दिया है। 

राजन का यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि कांग्रेस उनके नाम का सहारा लेकर ही मोदी सरकार को घेरती रही है। कांग्रेस ने राजन के इस्तीफे के बाद मोदी सरकार पर आरबीआई जैसी बड़ी संस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाए। अर्थव्यवस्था को लेकर रघुराम राजन कई बार मोदी सरकार की नीतियों पर टिप्पणी कर चुके हैं। राजन ने केंद्र में कांग्रेस सरकार आने की स्थिति में उनके वित्त मंत्री बनने की चर्चाओं को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं, ये सब महज अटकलें हैं। 

जीएसटी की तारीफ, नोटबंदी पर बयान से बचे

रघुराम राजन ने मोदी सरकार के दो बड़े आर्थिक फैसलों जीएसटी और नोटबंदी पर भी खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने जीएसटी को सकारात्मक कदम बताया। अलबत्ता नोटबंदी पर खुलकर कहने से बचते दिखा। हालांकि यह जरूर कहा कि यह सेटबैक था। इससे पहले, यहां राजन ने दक्षिण एशिया के लिए रणनीतिक परिदृश्य सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज भले ही भारत के मुकाबले चीन काफी आगे है, लेकिन एक दिन वह पीछे होगा। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रूप से क्षेत्र में भारत की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन भारत की तुलना में चीन काफी आगे निकल चुका है, उसने क्षेत्र में भारत के मुकाबले अपने को खड़ा किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है जबकि चीन में वृद्धि दर धीमी पड़ रही है।