भारत ने कहा, पाकिस्तानी पीएम ने इस पवित्र मौके का राजनीतिक इस्तेमाल करने की कोशिश की।

करतारपुर गलियारे के शिलान्यास के पाक मौके पर भी पाकिस्तान अपनी 'नापाक' हरकतों से बाज नहीं आया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मौके राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। उन्होंने बुधवार को भले ही आतंकवाद पर कुछ नहीं कहा लेकिन कश्मीर राग अलापना नहीं भूले। इमरान खान के भाषण में जम्मू-कश्मीर का जिक्र किए जाने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने कहा है कि पाक पीएम ने इस पवित्र मौके का राजनीतिक इस्तेमाल करने की कोशिश की। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। 

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मंत्रालय के बयान के अनुसार, 'यह खेदजनक है कि सिखों के लिए महत्वपूर्ण करतारपुर गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम में पाकिस्तान के पीएम ने बेवजह जम्मू और कश्मीर का जिक्र किया जो भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।' मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को अपने अंतराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करना चाहिए और अपनी धरती से सीमा पार आतंकवाद को हर प्रकार से समर्थन देना बंद करने के लिए प्रभावी कदम उठाना चाहिए। भारत ने पाकिस्तान से आतंकियों को संरक्षण देना बंद करने की भी बात कही। 

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दरअसल इमरान ने कहा था कि, ‘मैं आज कह रहा हूं कि हमारे नेता, सेना और अन्य सभी संस्थान एकमत हैं। हम आगे बढ़ना चाहते हैं, हम एक शिष्ट संबंध चाहते हैं। हमारे सामने सिर्फ एक समस्या है, कश्मीर। अगर आदमी चंद्रमा पर चल सकता है तो कौन सी समस्याएं हैं, जिनका हम हल नहीं कर सकते?’ इमरान ने कहा, ‘मैं आपको आश्वासन देता हूं कि हम इस समस्या का हल कर सकते हैं लेकिन दृढ़ संकल्प और बड़े सपनों की जरूरत है।' 

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हाफिज का करीबी खालिस्तानी आतंकी आया नजर

इस समारोह में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा के सरगना हाफिज सईद का करीबी और खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला भी मौजूद था। यही नहीं वह पाकिस्तानी सेना प्रमुख बाजवा के साथ हाथ मिलाता हुआ भी नजर आया। 

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