पाकिस्तान की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी पुत्री और दामाद की जेल की सजा बुधवार को निलंबित कर दी।

'जियो न्यूज' की खबर के अनुसार इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में दो न्यायाधीशों की एक पीठ ने शरीफ, उनकी पुत्री मरियम और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) मुहम्मद सफदर की याचिकाओं की सुनवाई की। इन याचिकाओं में उन्होंने अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी है। यह मामला लंदन में महंगे फ्लैटों की खरीद से संबंधित है। 

न्यायमूर्ति अतहर मिनल्ला ने फैसला पढ़ा और उन्हें छह जुलाई को जवाबदेही अदालत द्वारा सुनाई गई सजा निलंबित कर दी। शरीफ, मरियम और सफदर को क्रमश: 11 साल, आठ साल और एक साल की सजा सुनाई गई है।

नेशनल जवाबदेही ब्यूरो के विशेष वकील मोहम्मद अकरम कुरैशी ने बुधवार को कोर्ट में अपनी आखिरी दलील पेश की। इसके बाद जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने कुरैशी से कहा, 'एनएबी समग्र जांच के बाद एवनफील्ड पर नवाज शरीफ के मालिकाना हक को लेकर कोई सबूत पेश नहीं कर पाया और आप चाहते हैं कि सिर्फ अनुमान के आधार पर हम मान लें कि उनका मालिकाना हक है।' 

कोर्ट ने साथ ही अभियोजन पक्ष को याद दिलाया कि आरोपी को संदेह का लाभ दिया जा सकता है। वहीं, बचाव पक्ष के वकील ख्वाजा हरीस ने कहा कि चूंकि एनएबी कानून विदेशी संपत्तियों से संबंधित है, उसने बिना किसी कानूनी शक्ति के यह रुख अपनाया है। 

पीठ ने तीनों को रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने शरीफ, मरियम और सफदर को पांच-पांच लाख रूपए का जमानत बांड जमा कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट का फैसला आते ही पीएमएलएन के कार्यकर्ता कोर्ट रूम में खुशी से झूम उठे।