नार्वे की कमेटी के पांच सदस्यों के सामने इस साल विचार के लिए कई विकल्प हैं। शुक्रवार को ओस्लो में घोषित किए जाने वाले शांति पुरस्कार के लिए कुल 331 लोगों और संगठनों का नाम मुकाबले में है।
इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार काफी रोमांचक होने जा रहा है। 2018 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कोरियाई देशों के बीच सुलह, इथियोपिया और एरीट्रिया के बीच शुरू शांति प्रक्रिया की पहल करने वालों को दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि इन नामों को खारिज करने के लिए भी कई वजहें गिनाई जा रही हैं।
पुरस्कार प्रदान करने के लिए नार्वे की कमेटी के पांच सदस्यों के सामने इस साल विचार के लिए कई विकल्प हैं। शुक्रवार को ओस्लो में घोषित किए जाने वाले शांति पुरस्कार के लिए कुल 331 लोगों और संगठनों का नाम मुकाबले में है।
हमेशा की तरह उम्मीदवारों के नामों की सूची तो गोपनीय है लेकिन कयास जोरों पर हैं। पिछले 70 साल में पहली बार स्वीडिश एकेडमी ने इस साल साहित्य का नोबेल पुरस्कार स्थगित करने का फैसला किया जिसके बाद शुक्रवार को दिए जाने वाले नोबेल शांति पुरस्कार की बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ-इन के नामों पर भी चर्चा चल रही है। दोनों देशों के बीच संबंधों को पटरी पर लाने के लिए इन्हें पुरस्कार के दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन, विशेषज्ञ इनके नामों को खारिज करने के लिए अपनी वजहें भी गिनाते हैं ।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के प्रमुख डेन स्मिथ ने कहा, ‘मेरा मानना है कि एक तरफ कोरियाई देशों के बीच वार्ता की सफलता है जो इस साल इस क्षेत्र में सबसे नाटकीय घटनाक्रम है।’
उन्होंने कहा, ‘दूसरी तरफ, मेरा मानना है कि इस साल के आधार पर पुरस्कार देना क्या जल्दबाजी नहीं होगी? इन चीजों को छोड़ दें तो मानवाधिकार पर किम का रिकार्ड शायद ही उनका समर्थन करता है।’
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विशेषज्ञ माने जाने वाले एक स्वीडिश प्रोफेसर पीटर वालेनस्टीन ने कहा, ‘पियोंगचांग में (शीतकालीन) ओलंपिक खेलों के जरिए शांति को बढ़ावा देकर (उन्होंने) अच्छा किया।’
ट्रंप के बारे में क्या कहा जाए? ब्रिटेन के विदेश मंत्री रह चुके बोरिस जॉनसन और खुद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून भी कह चुके हैं कि कोरियाई द्वीप में अपनी पहल के लिए अमेरिकी नेता यह पुरस्कार जीत सकते हैं।
लेकिन, ट्रंप के लिए गए फैसलों का जिक्र करते हुए स्मिथ ने कहा कि उनको पुरस्कार दिया जाना ‘ठीक’ नहीं होगा। जहां तक शांति की बात है, पेरिस जलवायु समझौते और ईरान परमाणु समझौते से बाहर होने का ट्रंप का फैसला ‘नकारात्मक’ रहा है।
इथियोपिया और एरीट्रिया के बीच आरंभ सुलह ने भी उम्मीदें जगाई हैं कि 20 साल तक चली जंग के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच स्थायी शांति हो सकती है।
वालेनस्टीन के मुताबिक, इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को शांति पुरस्कार मिल सकता है। लेकिन उन्होंने अप्रैल में सत्ता संभाली थी, ऐसे में उनका नाम पर भी संशय ही है।
Last Updated Oct 3, 2018, 4:18 PM IST