पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की कड़ी चेतावनी के बाद से पाकिस्तान अलर्ट मोड में है। भारत की ओर से किसी बड़ी सैन्य कार्रवाई की आशंका के मद्देनजर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ बैठक की है। खास बात यह है कि हालात की समीक्षा करने के कुछ समय बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक की गई और सेना को अलर्ट कर दिया गया। 

 पाकिस्तानी अधिकारियों ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच व्याप्त तनाव के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के गांवों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि एक आधिकारिक परामर्श जारी किया गया है जिसमें एलओसी के पास रहने वाले लोगों से आवागमन करते समय सुरक्षित मार्गों का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। निवासियों से किसी एक विशेष स्थान पर समूह में इकट्टा होने से बचने और बंकर बनाने के लिए भी कहा गया है।

पीओके में अधिकारियों द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है कि निवासियों को रात के दौरान अनावश्यक रूप से लाइट का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और वे एलओसी मार्गों के निकट अनावश्यक यात्रा से बचें।

पीओके में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र किए बगैर परामर्श में कहा गया है कि भारत वही ‘कार्रवाई’ कर सकता है जो स्थानीय लोगों के जीवन को खतरे में डाल सकती है। ग्रामीणों को एलओसी के निकट अपने जानवरों को चराने के लिए नहीं ले जाने के लिए कहा गया है।

समय पर पूरी होगी लोगों की इच्छाः राजनाथ

इधर, पुलवामा आतंकवादी हमले को लेकर देश में व्याप्त आक्रोश के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘समय आयेगा’ जब लोगों की इच्छा और उम्मीदें ‘पूरी’ होगी। राजनाथ ने कहा कि पुलवामा घटना के बाद ‘ऐसा मूड अभी भी नहीं है कि कोई भी उत्साह के साथ किसी भी कार्यक्रम में भाग ले सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन, मैं बहुत आश्वस्त हूं और आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि समय आएगा जब लोगों की भावनाओं, उनकी इच्छाओं, उनकी उम्मीदों...उन अपेक्षाओं की पूर्ति होगी।’ हालांकि उन्होंने अपने बयान पर इससे अलग कुछ नहीं कहा।