ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीजा मे ने बुधवार को कहा कि प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में वह संसद के अन्य सदस्यों की ही तरह खादी की पॉपी पहनेंगी। 

दरअसल, 'पॉपी अपील' युद्ध में लड़े सैनिकों के लिए कोष जुटाने का एक वार्षिक अभियान है, जो 11 नवंबर को आर्मीस्टिस डे से पहले तक चलाया जाता है।  

11 नवंबर 1918 को प्रथम विश्व युद्ध खत्म हो गया था और ब्रिटेन में राजनीति से जुड़े लोगों एवं अन्य ने युद्ध में मारे गए लोगों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए कपड़े से बनी पॉपी पहनी थी। हॉउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य एवं भारतीय मूल के जीतेश गढ़िया और रॉयल ब्रिटिश लीजन ने युद्ध में अविभाजित भारत के योगदान की याद दिलाने के प्रतीक के तौर पर इस साल पहली बार खादी की पॉपी बनाई है। 

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बुधवार को हाउस ऑफ कॉमंस में प्रधानमंत्री ने कहा, 'अविभाजित भारत के 74,000 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, उनमें से 11 को कई महाद्वीपों में युद्ध में अहम भूमिका निभाने और उत्कृष्ट स्तर की बहादुरी दिखाने के लिए विक्टोरिया क्रॉस दिया गया।' 

ब्रिटिश पीएम टेरीजा कंजरवेटिव पार्टी के सांसद टॉम टुगेनधाट के एक सवाल का जवाब दे रही थी। टेगेनधाट खुद एक आर्मी ऑफिसर रहे हैं। उन्होंने पीएम से पूछा था कि क्या वह उनके साथ खादी पॉपी पहनेंगी। इस पर टेरीजा ने कहा, 'मैं रॉयल ब्रिटिश लीजन और जीतेश गढ़िया को खादी पॉपी के जरिये सैनिकों के खास योगदान को याद करने के लिए बधाई देती हूं। मैं बिल्कुल इस अवसर पर खादी पॉपी पहनने की इच्छुक हूं।' उन्होंने कहा, यह प्रयास भारत समेत कॉमनवेल्थ के सैनिकों के इस महत्वपूर्ण योगदान को याद करने के लिए है। (इनपुट एजेंसी)