एक तरफ दुनिया के फुटबॉलर विश्वकप के खिताब के लिए लड़ रहे थे तो दूसरी तरफ थाईलैंड की थाम लुआंग नाम गुफा में जिंदगी और मौत की जंग चल रही थी। जैसे-जैसे समय बीत रहा था, अंदर फंसे बच्चे मौत के करीब जा रहे थे। लेकिन बचाव अभियान दल के हौसले और खुद को बेहद मुश्किल लम्हों में भी बचाए रखने के लिए इन बच्चों द्वारा दिखाई गई जीवटता ने एक नामुमकिन मिशन को मुमकिन कर दिखाया। 

कुछ इस तरह का रहा घटनाक्रम...

23 जून, शनिवार -  फुटबॉल प्रैक्टिस के बाद 11 से 16 साल के युवा फुटबॉलर और उनके 25 साल के कोच घूमने के लिए उत्तरी थाईलैंड की थाम लुआंग नांग गुफा में चले गए। भारी बारिश के चलते गुफा में पानी भर गया। जब देर रात तक बच्चे घर नहीं लौटे तो परिजनों परेशान हो गए। स्थानीय अधिकारियों को गुफा के प्रवेश द्वार पर बच्चों की साइकिलें और फुटबॉल बूट रखे मिले। 

24 जून, रविवार - इसके बाद पुलिस ने एक बड़ा खोज अभियान शुरू किया। इस दौरान बच्चों की परिजन और रिश्तेदार गुफा के बाहर नजरें गड़ाए बैठे थे। भारी बारिश होने के बाद पुलिस को खोज अभियान बंद करना पड़ा। 

25 जून, सोमवार- गुफा के अंदर हाथ और पैरों के निशान मिलने के बाद थाई नेवी सील के गोताखोरों ने बच्चों के लिए खाने और ऑक्सीजन पहुंचाने का अभियान शुरू किया। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते गुफा के बच्चों की खबर सुनने के लिए बेताब परिजनों को दूसरी जगह भेज दिया गया। इस दौरान ये अंदेशा बढ़ गया कि बच्चे गुफा में और अंदर चले गए हैं। 

26 जून, मंगलवार - गोताखोर काफी अहम छोर पर पहुंच गए लेकिन वहां एक छोटे से छेद से निकल रहे पानी के तेज बहाव ने उन्हें पीछे धकेल दिया। इस दौरान थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान ओचा ने मदद का अनुरोध किया। 

27 जून, बुधवार -  अंतरराष्ट्रीय मदद आने के बाद खोज का दायरा बढ़ा दिया गया। अमेरिका की पैसिफिक कमांड से 30 अमेरिकी सैन्यकर्मी मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके बाद तीन ब्रिटिश गोताखोरी विशेषज्ञ भी मदद को पहुंचे। 

28 जून, बृहस्पतिवार - गुफा में बढ़ रहे पानी को निकालने के लिए वॉटर पंप लगाने का काम शुरू हुआ। इस दौरान गुफा में घुसने के वैकल्पिक मार्ग की तलाश शुरू हुई। ब्रिटिश गोताखोर और ड्रोन भी थाईलैंड पहुंच चुके थे। लेकिन तेज बारिश के चलते गुफा में और पानी भर गया। राहत दल को अपना अभियान स्थगित करना पड़ा। 

29 जून, शुक्रवार - थाईलैंड के प्रधानमंत्री ओचा घटनास्थल पर पहुंचे और बच्चों के परिजनों और रिश्तेदारों से उम्मीदें न खोने का अनुरोध किया। 

30 जून, शनिवार - बारिश थम गई। इससे गोताखोरों ने गुफा में और अंदर जाने का मौका मिल गया, हालांकि बच्चे कहां हैं, इसका अब भी पता नहीं चल सका था। 

01 जुलाई, रविवार - गुफा के अंदर एक जगह पर ऑपरेटिंग बेस बनाया गया। सैकड़ों ऑक्सीजन टैंकों और दूसरे आपूर्ति संयंत्रों को यहां पहुंचाया गया। 

02 जुलाई, सोमवार - आखिरकार वह खबर मिली, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था। सभी 12 बच्चों और उनके कोच के गुफा में जीवित होने का पता चल गया। वह पानी से घिरी एक ऊंची जगह पर बैठे हुए थे। बचाव अभियान को इन बच्चों और कोच का पता लगाने में नौ दिन का समय लगा। 

03 जुलाई, मंगलवार - कंबल, खाना, पानी और चिकित्सीय सहायता उन तक पहुंचाया गया। इसके बाद बचाव दल ने सभी को गुफा से सुरक्षित निकालने की योजना पर काम शुरू किया। वे जानते थे कि इसके लिए सभी बच्चों को कुछ दिन और गुफा में रहना होगा। 

04 जुलाई, बुधवार - अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अंदर फंसे लोगों को यह बताया है कि उन्हें डाइविंग मास्क का इस्तेमाल कैसे करना है और कैसे सांस लेनी है। इस बीच मेडिकल टीम ने इस बात की पुष्टि कर दी बच्चों और कोच को छोटी-मोटी चोटें ही हैं। गुफा से पानी निकालने का काम लगातार जारी था। 

05 जुलाई, बृहस्पतिवार - गुफा में भरे पानी का स्तर घटने लगा। चिकित्सीय सहायकों समेत सात गोताखोर कंबल, खाना, लाइट लेकर बच्चों के पास पहुंच चुके थे। हालांकि इस दौरान अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश बचाव  अभियान की मुश्किलें बढ़ा सकती है। 

06 जुलाई, शुक्रवार - थाईलैंड के एक पूर्व नेवी सील सामन कुनान की बच्चों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का रास्ता बनाने के लिए रात भर चले अभियान में जुटे रहने के बाद मौत हो गई। थाईलैंड के नेवी सील कमांडर ने कहा कि गुफा में ऑक्सीजन का स्तर लगातार कम हो रहा है। बच्चों की सुरक्षित निकालने की संभावनाएं काफी कम होती जा रही हैं। 

07 जुलाई, शनिवार - तेज बारिश के अनुमान के बाद अधिकारियों ने बताया कि उन्हें बच्चों को जल्द से जल्द बाहर निकालना होगा, अन्यता कोई अनहोनी हो सकती है। बचाव अभियान के प्रमुख नरोंगसक ओसोथानाकोन ने बताया कि बच्चे पानी में गोता लगाकर निकलने से घबरा रहे हैं। इस बीच, टीम के कोच ने परिजनों से इस सबके लिए माफी मांगी।

08 जुलाई, रविवार - लंबी जद्दोजहद के  बाद गोताखोर चार बच्चों को गुफा से बाहर निकाल लाए। सभी को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि अधिकारियों ने बचाए गए बच्चों के नाम नहीं बताए। इससे दूसरे परिजन घबरा सकते थे।  इसके बाद, बचाव दल ने कहा कि वे अगले 10 घंटे तक अभियान शुरू नहीं कर पाएंगे, क्योंकि ऑक्सीजन और दूसरी जरूरी चीजों को बदला जाना है। आठ  बच्चे और उनके कोच गुफा में ही थे। 

09 जुलाई, सोमवार - बचाव अभियान बहाल होने के बाद चार और लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। 

10 जुलाई, मंगलवार - 18 दिन के बाद बाकी बचे 4 बच्चे, कोच और उनके साथ मौजूद नेवी सील और डॉक्टर भी गुफा से सुरक्षित बाहर आ गए।