अमेरिका आतंकवाद को लेकर दोहरी नीति अपनाने के कारण पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की राशि रोक दी है। अमेरिका की तरफ से रोक लगाने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है क्योंकि इस समय पाकिस्तान आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। इस समय पाकिस्तन का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होने के कगार पर है। इससे बचने के लिए पाकिस्तान को इस पैसे की बहुत आवस्यक्ता थी।

करोड़ों डॉलर की मदद रोकने पर पाकिस्तान का कहना है कि इस राशि उसे अमेरिकी मदद के तौर पर नहीं मिलती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अमेरिका ने कोलिजन सपोर्ट फंड के तहत 30 करोड़ डॉलर की राशि दी थी। इस फंड को आर्थिक मदद नहीं कहा जा सकता है। यह पूरा पैसा हमारा था जो हमे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के कारण मिला था। 

इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका देते हुए 30 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद रोक दी है। अमेरिकी सेना की ओर से बताया गया कि पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर यानी तकरीबन 2100 करोड़ रुपये की मदद की जानी थी।  

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल कोनी फॉकनर ने कहा है कि, “अमेरिक रक्षा विभाग अब इस रकम का उपयोग प्राथमिकताओं के आधार पर तय करेगा। मदद रोकने के फैसले के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अगर आतंकी समूहों को लेकर पाकिस्तान अपना रवैया बदलता है तो उसे फिर से मदद मिल सकती है”।    

यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने पाकिस्तान को मदद करने से इंकार कर दिया हो। इससे पहले इसी साल अमेरिका ने पाकिस्तान को 50 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद करने से मना कर दिया था।

राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने नए साल के पहले दिन किए एक ट्वीट में पाकिस्तान पर झूठ बोलने और आतंकी समूहों को पनाह देने के आरोप लगाए थे। साथ ही ट्रप ने कहा था कि अमेरिका से अरबों डॉलर की मदद लेने के बावजूद पाकिस्तान आतंकियों को पाल रहा है।