Health risks of late fatherhood for child: सिर्फ देरी से मां बनना ही नहीं पिता बनना भी खतरे से खाली नहीं है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने स्टडी में ये खुलासा किया है कि देरी से पिता बनने पर होने वाले बच्चे पर बुरा असर दिखता है।
हेल्थ डेस्क: पुरुषों की उम्र बढ़ाने के साथ ही उनका स्पर्म काउंट कम हो जाता है। साथ ही स्पर्म की क्वालिटी भी खराब होने लगती है। जब अधिक उम्र में कोई भी व्यक्ति पिता बनता है तो इसका सीधा असर होने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
महिलाओं के मां बनने के लिए भले ही बायोलॉजिकल क्लॉक निर्धारित की गई है लेकिन पिता के मामले में ऐसा कुछ सुनने नहीं मिलता है। अक्सर 50 साल या उससे ज्यादा की उम्र में पिता बनने की खबरें आम बात हैं। अधिक उम्र में पिता बनने को लेकर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने स्टडी की है। ज्यादा उम्र में पिता (Health risks of late fatherhood for child) बनने से होने वाले बच्चे को लेकर कुछ हेल्थ रिस्क जुड़े होते हैं। जानिए स्टडी में क्या बाते सामने आईं।
1.कम वजन के बच्चे होते हैं पैदा
हेल्दी वेट वाले बच्चों का शुरुआती डेवलपमेंट अच्छी तरह से होता हैं। वहीं कम वजन के बच्चों का डेवलपमेंट ठीक से नहीं हो पता है। जो व्यक्ति अधिक उम्र में बच्चे पैदा करते हैं उनके बच्चों का वेट कम होने संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसका सीधा असर बच्चों विकास पर पड़ता है।
2. समय से पहले हो सकता है जन्म
जब बच्चे का जन्म 37 सप्ताह के पहले हो जाए तो इसे प्रीमेच्योर डिलीवरी कहा जाता है। अधिक उम्र में पिता बनने से प्रीमेच्योर डिलीवरी के चांसेस बढ़ जाते हैं। बच्चे का समय से पहले जन्म विभिन्न अंगों के विकास में रुकावट पैदा करता है।
3. प्रभावित होता है बच्चे का लिंग
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में ये बात भी सामने आई कि जो व्यक्ति 60 या अधिक उम्र में पिता बनते हैं उन्हें बेटे की संभावना कम हो जाती है। अभी इस विषय में अधिक अध्यन किया जा रहा है। यानी अधिक उम्र में पिता बनने से बच्चे का लिंग भी प्रभावित होता है।
पुरुषों में 20 से 30 साल की उम्र में स्पर्म क्वालिटी अच्छी मानी जाती है और पिता बनने के लिए यही समय सही बताया गया है। अच्छी लाइफस्टाइल जीकर 35 से 40 साल में भी हेल्दी बच्चे का पिता बना जा सकता है। इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
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