कर्मचारियों की यूनियनों ने 20 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी की मांग की है। माना जा रहा है कि कर्मचारियों की हड़ताल का असर बैंकों के काम के साथ ही एटीएम पर पड़ सकता है। लिहाजा अगर आपने कैश नहीं निकाला है तो कैश निकालकर रख लें। क्योंकि दो दिन की हड़ताल के बाद तीसरे दिन में रविवार पड़ रहा है। जिसके कारण बैंकों में अवकाश होगा। लिहाजा जनता को अगले तीन दिन नकदी संकट से रूबर होना पड़ सकता है।
नई दिल्ली। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। बैंक कर्मचारी 31 जनवरी और एक फरवरी को हड़ताल पर रहेंगे। इस महीने आठ जनवरी को ही बैंक कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों के लिए हड़ताल की थी। वहीं एक महीने में कर्मचारी दूसरी बार हड़ताल पर जा रहे हैं। कर्मचारी बैंकों के विलय और वेतन वृद्धि को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।
कर्मचारियों की यूनियनों ने 20 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी की मांग की है। माना जा रहा है कि कर्मचारियों की हड़ताल का असर बैंकों के काम के साथ ही एटीएम पर पड़ सकता है। लिहाजा अगर आपने कैश नहीं निकाला है तो कैश निकालकर रख लें। क्योंकि दो दिन की हड़ताल के बाद तीसरे दिन में रविवार पड़ रहा है। जिसके कारण बैंकों में अवकाश होगा। लिहाजा जनता को अगले तीन दिन नकदी संकट से रूबर होना पड़ सकता है। बैंक यूनियनों ने वेतन संशोधन की मांग को लेकर शुक्रवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
ये मांग नवंबर 2017 से लंबित हैं। हड़ताल वहीं शुक्रवार को ही संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो रही है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस द्वारा नौ बैंक यूनियन ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन , ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज़ एसोसिएशन (AIBEA) और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ बैंक वर्कर्स द्वारा हड़ताल का आह्वान किया गया है।
हड़ताल पर जाने वाले यूनियन ने कहा कि हम बैंकिंग ग्राहकों से अपील करते हैं कि हड़ताल के कारण सेवाओं में इस व्यवधान के लिए हमारे साथ रहें, क्योंकि बैंक प्रबंधन और आईबीए द्वारा हमें इस पर मजबूर किया गया है। माना जा रहा है कि हड़ताल के कारण पीएसयू बैंकों में जमा और निकासी, चेक क्लियरिंग और इंस्ट्रूमेंट जारी करने जैसी सेवाओं में असर होगा हालाँकि, निजी क्षेत्र के बैंकों में सेवाएं सामान्य रूप से चलती रहेंगी। लेकिन सरकारी बैंकों के ग्राहकों को समस्या से रूबरू होना पड़ेगा।