बौद्ध महोत्सव के मौके पर महाबोधि मंदिर परिसर के साथ-साथ पूरे बोधगया को सजाया गया है। इस महोत्सव में भाग लेने के लिए श्रीलंका, तिब्बत, थाईलैंड, लाओस, वियतनाम जैसे कई बौद्ध देशो के कलाकार आए हुए हैं।
महात्मा बुद्ध से जुड़े सबसे अहम धार्मिक स्थल बोधगया में तीन दिनों के बौद्ध महोत्सव की शुरुआत हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बोधगया के कालच्रक मैदान में दीप जलाकर इस महोत्सव की औपचारिक शुरुआत की। कार्यक्रम के पहले दिन देश-विदेश के कलाकारों ने भव्य मंच पर दिलचस्प कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
तीन दिवसीय इस महोत्सव के पहले दिन श्रीलंका, तिब्बत, थाईलैंड, लाओस, वियतनाम सहित विभिन्न देशों से आए कलाकारों ने आए दर्शकों का मन मोह लिया। इस मौके पर महाबोधि मंदिर परिसर के साथ-साथ पूरे बोधगया को सजाया गया है।
बौद्ध महोत्सव में आए लोगों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि "शांति, प्रेम और अहिंसा का संदेश भगवान बुद्ध ने इसी धरती से दिया था। इसी उपदेश को सभी लोगों तक पहुंचाना है।"
इस महोत्सव में आठ से 10 लाख श्रद्धालु जुटे हैं । इसका आयोजन राज्य सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है। इसमें जिला प्रशासन और बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी यानी बीटीएमसी की भी अहम भूमिका होती है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने जानकारी दी कि बोधगया में महाबोधि कल्चर सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिस पर कार्य शुरू हो चुका है। 13 एकड़ की जमीन पर 145 करोड़ रुपयों की लागत से काम शुरू हो गया है। भवन निर्माण विभाग ने 2020 में बिहार दिवस तक इसे तैयार कर लेने की बात कही है।
बोधगया बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है क्योंकि यहीं पर एक पीपल के पेड़ के नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यहां सभी बौद्ध देशों के तीर्थयात्रियों की भीड़ लगी रहती है।