प्रदूषण रोकने में नाकाम दिल्ली सरकार पर एनजीटी ने 50 करोड़ का जुर्माना लगाया

सुनवाई के दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए जज ने कहा, 'आप खुद बताइए कि आपके लापरवाही भरे रवैये के लिए आप पर कितना जुर्माना लगाएं?'

NGT fines Delhi government Rs 50 crore for not taking action against illegal steel pickling units

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहने पर दिल्ली सरकार पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। रिहायशी इलाकों में अवैध स्टील पिकलिंग इकाइयों (स्टील से गंदगी, दाग, जंग हटाने वाली इकाइयों) पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर दिल्ली सरकार पर ये जुर्माना लगाया गया है। 

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने निर्देशों के बाद भी इन औद्योगिक इकाइयों को बंद नहीं करने पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की खिंचाई की। एनजीटी ने दिल्ली सरकार को तत्काल प्रभाव से इन इकाइयों को बंद करने के भी निर्देश दिए।

एनजीटी ने कहा, हमारे बार-बार दिए गए आदेशों का अब तक पालन नहीं हुआ है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने अब तक हलफनामा तक नहीं दिया कि क्यों इन यूनिट्स के लिए बिजली और पानी के कनेक्शन दिए गए? कोर्ट ने कहा कि क्या डीपीसीसी के चेयरमैन को इस बात के लिए हम गिरफ्तार करने के आदेश दे दें? सुनवाई के दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए जज ने कहा, 'आप खुद बताइए कि आपके लापरवाही भरे रवैये के लिए आप पर कितना जुर्माना लगाएं?' हालांकि कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर 50 करोड़ का जुर्माना किया।

 दिल्ली की करीब 62 बड़ी यूनिट्स हैं, जिन पर लगाम लगाने में डीपीसीसी नाकाम रही है।  स्टील को पॉलिश करने के दौरान वायु प्रदूषण तो होता है। इसके अलावा स्टील को पॉलिश करने से पहले एसिड से साफ किया जाता है और पानी को यूं ही बहा दिया जाता है। ऑल इंडिया लोकाधिकार संगठन नाम के एनजीओ की ओर से दायर अर्जी पर एनजीटी ने यह आदेश पारित किया। 

एनजीओ ने मांग की कि एनजीटी अपना वह आदेश लागू कराए जिसमें दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को स्टेनलेस स्टील पिकलिंग इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, क्योंकि वे दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के अनुसार औद्योगिक गतिविधि की प्रतिबंधित सूची में आते हैं। 

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