रिश्वत मांगने वाले तीन मंत्रियों के निजी सचिवों पर योगी का एक्शन !

यूपी की योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव पैसे के बदले तबादले, ठेका-पट्टा दिलाने के लिए डीलिंग करते हुए नजर आए थे।

yogi adityanath is in action against bribe

सत्ता का नशा नेताओं के सिर पर चढ़ता है, ये बात तो आपने सुनी ही होगी लेकिन अब मामला मंत्रियों के सचिवों तक जा पहुंचा है, जो रिश्वत मांगते नजर आए हैं। बता दें कि यूपी की योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव पैसे के बदले तबादले, ठेका-पट्टा दिलाने के लिए डीलिंग करते हुए नजर आए थे।

एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में ये तीनों सचिव जब से पैसे के बदले काम कराने की बात करते हुए पकड़े गए हैं तब से ये मुद्दा मीडिया में छाया हुआ है। स्टिंग सामने आते ही सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ हरकत में आए और तीनों सचिवों को निलंबित करने का आदेश दे दिया। यही नहीं सीएम योगी ने आरोपी निजी सचिवों पर एफआईआर दर्ज कराने का भी निर्देश दिया है।

सीएम के आदेश पर अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश चंद गुप्ता ने तीनों सचिवों को निलंबित कर दिया है। इनके ऊपर जल्द ही एफआईआर भी होगी। मामले में एसआईटी के गठन के निर्देश भी दिए गए हैं। जिसका अध्यक्ष एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण को बनाया गया है।

बता दें कि सामने आई स्टिंग में विधानभवन स्थित कार्यालय में मंत्री राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप ने बेसिक शिक्षा विभाग में तबादले को लेकर रिश्वत मांगी। स्कूलों में बैग और ड्रेस की सप्लाई के लिए मिलने वाले ठेके के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के पति से डील कराने की बात भी की।

वहीं, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी भी सहारनपुर समेत आधा दर्जन जिलों में खनन पट्टा दिलाए जाने के लिए डील करते स्टिंग में नजर आ रहे हैं।

जबकि तीसरा मामला बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी का है। अवस्थी को किताबों का ठेका दिलाने के लिए डील करते हुए दिखाया गया है। इसमें निजी सचिव अपने हिस्से की मांग कर रहे हैं।

vuukle one pixel image
click me!