Indian Navy missile: भारतीय नौसेना (Indian Navy) और DRDO ने स्वदेशी विकसित VLSRSAM मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह अत्याधुनिक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल भारतीय रक्षा प्रणाली को और सशक्त बनाएगी। जानें पूरी जानकारी।
DRDO Missile: भारत की रक्षा तकनीक ने एक और ऊंचाई छू ली है! रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने स्वदेशी रूप से विकसित लंबवत-प्रक्षेपित शॉर्ट-रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (VL-SRSAM) का सफल परीक्षण किया। 26 मार्च 2025 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) में यह परीक्षण दोपहर 12 बजे किया गया।
VL-SRSAM एक अत्याधुनिक शॉर्ट-रेंज मिसाइल है, जो दुश्मन के तेज रफ्तार हवाई हमलों को नष्ट करने में सक्षम है। इस मिसाइल को विशेष रूप से भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि यह कम ऊंचाई और बेहद नजदीकी लक्ष्यों को आसानी से भेद सके।
1. इस मिसाइल का परीक्षण एक लैंड-बेस्ड वर्टिकल लॉन्चर से किया गया, जो बहुत कम ऊंचाई पर मौजूद तेज गति वाले हवाई लक्ष्य को भेदने में पूरी तरह सफल रहा।
2. मिसाइल ने लक्ष्य को सटीकता और उच्च गतिशीलता के साथ नष्ट कर दिया, जिससे इसकी विश्वसनीयता और घातक क्षमता प्रमाणित हुई।
3. इस टेस्ट में स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर, मल्टी-फंक्शन रडार, और वेपन कंट्रोल सिस्टम जैसे एडवांस सिस्टम्स ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
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🚀𝐒𝐮𝐜𝐜𝐞𝐬𝐬𝐟𝐮𝐥 𝐓𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐠𝐞𝐧𝐨𝐮𝐬 𝐕𝐋𝐒𝐑𝐒𝐀𝐌! 🇮🇳
Defence Research and Development Organisation (DRDO) and the Indian Navy carried out a successful flight test of an indigenously developed Vertically-Launched Short-Range Surface-to-Air Missile… pic.twitter.com/2uuPqqSjXT
1. यह मिसाइल भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए एयर डिफेंस शील्ड की तरह काम करेगी।
2. यह तेजी से उड़ते दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और मिसाइलों को रोकने में सक्षम होगी।
3. इसकी हाई स्पीड, पिन-पॉइंट एक्यूरेसी और बेहतर हैंडलिंग क्षमता इसे दुश्मनों के लिए बेहद खतरनाक बनाती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और भारतीय नौसेना को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए इसे "भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रतीक" बताया। उन्होंने कहा कि यह भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण बल गुणक साबित होगा।
DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि यह आधुनिक मिसाइल भारतीय सशस्त्र बलों को तकनीकी बढ़त प्रदान करेगी।
1. यह 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत विकसित की गई है।
2. भारतीय नौसेना अब विदेशी मिसाइलों पर निर्भर नहीं रहेगी।
3. यह मिसाइल चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के खिलाफ रक्षा कवच की तरह काम करेगी।
स्वदेशी रूप से विकसित VL-SRSAM मिसाइल का सफल परीक्षण भारतीय रक्षा प्रणाली की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। यह मिसाइल भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए अत्याधुनिक सुरक्षा कवच प्रदान करेगी। DRDO और भारतीय नौसेना की यह सफलता भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और मजबूत कदम!
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