लोकमान्य तिलक को उनके जन्मदिन पर प्रधानमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “मैं लोकमान्य तिलक की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं. उन्होंने असंख्य भारतीयों के भीतर देशभक्ति की भावना जगाई”।

देश के वीर सपूत तिलक स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अंग्रेज़ो के साथ समाज में व्याप्त तमाम कुरीतियों से भी लोहा लिया। तिलक के अनुयायियों ने उन्हें 'लोकमान्य' की उपाधि दी जिसका अर्थ होता है 'लोगों द्वारा प्रतिष्ठित'। लोकमान्य तिलक बाल विवाह के सख्त खिलाफ थे। उन्होंने इस सामाजिक कुरीति को दूर करने करने के लिए लोगों में चेतना का संचार किया।
तिलक को हिंदू राष्ट्रवाद का पिता भी कहा जाता है। उन्होंने हिंदी को पूरे देश के भाषा बनाने पर ज़ोर दिया। भारत मां के सपूत इस महान स्वतंत्रता सेनानी का जन्म आज ही के दिन यानि 23 जुलाई को महाराष्ट्र के रत्नागिरि में हुआ था। तिलक ने एक मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्म लिया था।
तिलक की पहचान बहुत व्यापक रही है। प्रबुद्ध तिलक ने समाजिक जागृति के लिए जो और बेहद खास प्रयास किए उनमें एक पत्रकार के तौर पर भी उनकी पहचान शामिल है। बाल गंगाधर तिलक ने मराठा दर्पण और मराठी केसरी नाम से दो दैनिक समाचार पत्र शुरू किए जो तब बहुत लोकप्रिय हुए थे। इन समाचार पत्रों में राष्ट्रप्रेम वाले लेख लिखे जाने की वजह से वो अग्रेजों की आंख की किरकिरी बनें और उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा।
लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल और बाल गंगाधर तिलक की आक्रामक तिकड़ी, लाल, बाल, पाल के नाम से मशहूर हुई। इनको तब गरम दल का नेता कहा जाता था। तीनों भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए लेकिन पार्टी का नरमपंथी रवैया इन्हें रास नहीं आया। 1907 में पार्टी नरम दल और गरम दल में बंट गई।
1908 में तिलक ने क्रान्तिकारी प्रफुल्ल चाकी और खुदीराम बोस के बम हमले का समर्थन किया जिसकी वजह से उन्हें बर्मा स्थित मांडले की जेल भेज दिया गया। जेल में रहने के दौरान भारतीय राष्‍ट्रवादी आंदोलन को लेकर गंगाधर ने 400 पन्‍नों की किताब 'गीता रहस्‍य' भी लिखी थी, 
जेल से रिहा होने के बाद तिलक एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हुए और 196 में एनी बेसेंट, मुहम्मद अली जिन्ना के साथ भारतीय होम रूल लीग की स्थापना की। संपूर्ण स्वराज की मांग करने वाले, समाज सुधारक महान स्वतंत्रा सेनानी का देहांत 1920 में मुंबई में हुआ। भारत मां के महान सपूत को उनके जन्मदिवस पर शत-शत नमन।