कांग्रेस ने ऐलान किया है कि अगर वह सत्ता हासिल करते हैं तो तीन तलाक कानून को खत्म कर देंगे। पार्टी की तरफ से महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देब ने यह घोषणा की। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी वहां मौजूद थे।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देब ने यह घोषणा पार्टी के अल्पसंख्यक अधिवेशन के दौरान की, जो कि दिल्ली में हो रही थी।
असम से सिलचर से सांसद सुष्मिता देब ने तीन तलाक बिल को खत्म करने की घोषणा करते हुए कहा कि मुसलमानों को थाने में खड़ा करने के लिए यह कानून बनाया गया है इसलिए यदि कांग्रेस पार्टी सत्ता में लौटी तो तीन तलाक कानून को खत्म कर दिया जाएगा।
Sushmita Dev, Congress at at AICC minority department national convention in Delhi: Main aap logon se vaada karti hoon, ki Congress ki sarkar ayegi 2019 mein aur hum iss Triple Talaq kanoon ko khaarij karenge. Yeh aap logon se vaada hai. pic.twitter.com/jkskEGXAiD
— ANI (@ANI) February 7, 2019
खास बात यह है कि जब सुष्मिता देब यह घोषणा कर रही थीं तब कांग्रेस अल्पसंख्यक अधिवेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर खुद अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे।
"
अल्पसंख्यकों के बीच पार्टी का आधार मजबूत करने के मकसद से गुरुवार को राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया था।
यह भी पढ़िए- मुस्लिम महिलाओं के संघर्ष पर पानी फेरने कोशिश कांग्रेस पहले भी कर चुकी है
तीन तलाक जैसी कुप्रथा के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं ने लंबी लड़ाई लड़ी थी। उत्तराखंड की शायरा बानो, सहारनपुर की आतिया साबरी, बरेली की निदा खान जैसी कई महिलाओं ने इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया था।
चलती ट्रेन में दिया था तीन तलाक
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुए अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया।
तीन तलाक के जरिए अमानवीय जुल्म
कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है। इससे संविधान का उल्लंघन भी होता है, इसलिए इसे निरस्त किया जाना चाहिए।
तीन तलाक के बाद दिल दहलाने वाला जुर्म
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक लाई, जो दिसंबर 2017 में तो लोकसभा से पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में अटक गया।
ससुर ने किया बलात्कार, शौहर ने दिया तीन तलाक
बाद में सितंबर 2018 में सरकार तीन तलाक को प्रतिबंधित करने के लिए अध्यादेश लाई, जिसके तहत तीन तलाक को अपराध घोषित करते हुए शौहर के लिए तीन साल तक की जेल और जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया गया।
अवैध संबंध का विरोध करने पर तीन तलाक
इससे पहले चाय फीकी होने, खाने में नमक कम या ज्यादा होने और दरवाजा देर से खोलने जैसी जरा-जरा सी बात पर तीन तलाक देकर मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी अंधेरे में धकेल दी जाती थी।
इसलिए बेहद जरुरी थी तीन तलाक जैसी कुप्रथा पर रोक
केन्द्र सरकार द्वारा कानून बनाए जाने के बाद कानून के डर से इस कुप्रथा पर लगाम लगी थी।
जिस्म की कीमत लगाई और दे दिया तीन तलाक
लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस पार्टी मुस्लिम महिलाओं के संघर्ष पर पानी फेर देने की कोशिश कर रही है।
तीन तलाक से मासूम बच्चों की जिंदगी बर्बाद
यह भी पढ़िए- तीन तलाक पर यह था विवाद
Last Updated Feb 7, 2019, 6:28 PM IST