नई दिल्ली। तुलसी में सनातन धर्म  के अनुसार विभिन्न देवी देवताओं और पवित्र ग्रंथों का निवास माना जाता है। इसके अलावा, तुलसी को पृथ्वी पर मां लक्ष्मी का एक भौतिक अवतार माना जाता है। अगर में रोजाना तुलसी की पूजा करने से धन की कोई कमी नहीं रहती है और शांति आती है।

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को सबसे पवित्र माना जाता है। अधिकांश हिंदूओं के घरों में तुलसी का पौधा होता है, और लोग हर दिन स्नान करने के बाद इसकी पूजा करते हैं। तुलसी, जिसे वृंदा के नाम से भी जाना जाता है। तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी भी माना जाता है। इसलिए वह हमेशा विष्णु के विभिन्न अवतारों से संबंधित त्योहारों से शामिल होती है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, तुलसी पृथ्वी पर देवी लक्ष्मी की अभिव्यक्ति हैं।

जाने क्यों तुलसी की होती है पूजा 

जाने माने ज्योतिष जैनेन्द्र पांडे के मुताबिक तुलसी के पौधे की पूजा से जुड़े कई कारण हैं। तुलसी या वृंदा को स्वर्ग या वैकुंठ का प्रवेश द्वार माना जाता है। जो भगवान विष्णु का निवास स्थान है और इसलिए वह अपने अंतिम लक्ष्य, मोक्ष (जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म के दुष्चक्र से मुक्ति) के करीब पहुंचने में भक्तों की मदद करती है। माना जाता है कि तुलसी के विभिन्न भागों में विभिन्न देवताओं और पवित्र ग्रंथों का निवास होता है। इसके अलावा मां देवी लक्ष्मी का पृथ्वी में अवतार माना जाता है, इसलिए उन्हें हर दिन शांति और समृद्धि के लिए पूजा जाता है।

वहीं ज्योतिषार्य आचार्य जिज्ञासु के अनुसार इसके अलावा तुलसी वास्तु दोष को खत्म करने में मदद करती है। तुलसी के पौधे का पूजा में विशेष स्थान है और जो  तुलसी की परिक्रमा करते हैं। तुलसी उनकी बुराई और नकारात्मकता को दूर करने में मदद करती है। तुलसी के पौधे में उपचार करने की शक्तियां भी हैं। तुलसी के पौधे में औषधीय गुण हैं, और इसका उपयोग सामान्य सर्दी, खांसी और अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए किया जाता है। इसके अलावा यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है।

कैसे करें तुलसी की  पूजा

पहले घर में तुलसी के पौधे को लगाएं और उसके आसपास सफाई करें। सुबह और शाम को पूजा के वक्त तुलसी के पास एक तेल का दीपक जलाएं। कलश को दोनों हाथों से पकड़ते हुए तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें। फिर कुमकुम और हल्दी चढ़ाएं और उसके बाद फूल और धूप दें और पूजा करें।