ये तय है कि ये प्रस्ताव पारित हो जाएगा। क्योंकि विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस का बहुमत है। इस प्रस्ताव के पारित होती ही पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों की कतार में शामिल हो जाएगा, जहां केन्द्र सरकार के नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुए हैं। पश्चिम बंगाल से पहले राजस्थान, पंजाब और केरल में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो चुके हैं।