आय से अधिक संपत्ति के मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आरोप तय कर दिया गया है। यह आरोप पटियाला हाउस कोर्ट ने तय किया है।
एडिशनल सेशन जज अरुण भारद्वाज ने अपने फैसले में कहा कि जिन लोगो के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोप तय हो गया है उनके खिलाफ 3 अप्रैल से ट्रायल शुरू होगा। कोर्ट 3 और 4 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा।
पटियाला हाउस कोर्ट ने वीरभद्र सिंह को छोड़कर सभी के खिलाफ आरोप तय कर दिया था। जिसके खिलाफ वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
दरअसल आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल सीबीआई जज अरविंद भारद्वाज ने पिछले साल 10 दिसंबर को वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंग और अन्य के खिलाफ आपराधिक कदाचार और आय से अधिक 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जमा करने के खिलाफ आरोप तय कर दिया था।
इस मामले में एलआईसी एजेंट आनंद चौहान, चुन्नी लाल चौहान, जोगिंदर सिंह घालता, प्रेम राज, वी चंद्र शेखर, एल कुमार रोच और राम प्रकाश भाटिया भी आरोपी है।
सीबीआई की ओर से दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह ने गैर कानूनी तरीके से 10 करोड़ की संपत्ति अर्जित की, जो कि उनकी आय से काफी अधिक है।
ज्ञात हो कि कोर्ट ने आदेश दिया था कि वीरभद्र सिंह व आनंद सिंह चौहान ने साजिश के तहत एक नए सहमति पत्र पर पिछली तारीख में दस्तखत किए थे। ताकि यह ऐसा लगे कि यह दस्तावेज 15 जून 2008 को अमल में लाया गया था।
जांच एजेंसी ने इन सभी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं 109, 465, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2), उपधारा 13(1)(ई) के प्रावधानों के तहत 500 पेज की आरोप पत्र 3 अप्रैल 2017 को दाखिल की थी। उसने आरोप पत्र में 225 गवाहों व 442 दस्तावेजों का हवाला दिया था।
गौरतलब है कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने 6 अप्रैल 2016 को हाइकोर्ट को स्थानांतरित कर दिया था और सीबीआई को वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था। सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मुकदमों का संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया है। जिसपर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई चल रही है।