देश में चार चरण के मतदान संपन्न हो चुके हैं और अभी तीन चरण की वोटिंग बाकी है। लेकिन इस बीच प्रकृति ने ऐसा रौद्र रुप धारण किया है कि चुनाव आयोग को विवश होकर ओडिशा के कई इलाकों से आचार संहिता हटानी पड़ी है। जिससे कि यहां राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की बाधा नहीं आए।
नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान ‘फानी’ जोर पकड़ रहा है। मौसम का अनुमान लगाने वाली एजेन्सियों ने बताया है कि यह तूफान ओडिशा के तटीय इलाकों से होकर गुजर सकता है जिससे यहां भारी तबाही मचने की आशंका है।
हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह चक्रवाती तूफान ओडिशा में किस तट से टकराएगा। लेकिन फिलहाल यह तूफान ओडिशा के मशहूर शहर पुरी की तरफ बढ़ रहा है। इसकी वजह से एजेन्सियों ने पुरी से सभी पर्यटकों को जाने के लिए कह दिया है।
बताया जा रहा है कि फानी तूफान ओडिशा के 11 जिलों को प्रभावित कर सकता है। जिसकी वजह से यहां भारी तबाही मचने की आशंका है। लेकिन लोकसभा चुनाव की वजह से यहां आचार संहिता लगी हुई है। जिसकी वजह से राहत और बचाव कार्य के प्रभावित होने की खतरा है।
इसलिए चुनाव आयोग ने ओडिशा के पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रापाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयुरभंज, गजपति, गंजम, खोरढा, कटक और जाजपुर जिलों से आचार संहिता हटाने का फैसला किया है।
ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा दोनों ही चुनाव एक साथ हो रहे हैं। हालांकि यहां पहले के चार चरणों में मतदान संपन्न हो चुके हैं। लेकिन देश के दूसरे हिस्सों में चल रहे चुनाव को देखते हुए यहां आचार संहिता लगी हुई थी।
लेकिन तूफान ‘फानी’ से होने वाली तबाही को देखते हुए यहां से आचार संहिता हटाना चुनाव आयोग की मजबूरी बन गई।
तूफान की आशंका से ओडिशा के सभी डॉक्टरों और हेल्थ स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा जो भी कर्मचारी छुट्टी पर गए हैं उन्हें आज शाम तक अपने हेडक्वार्टर्स पहुंचने का आदेश दिया गया है।
मौसम विभाग को आशंका है कि आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में इस तूफान का सबसे ज्यादा असर हो सकता है। केंद्र सरकार ने इस आपदा निपटने के लिए इन 4 राज्यों के लिए कुल 1086 करोड़ रुपए का एडवांस फंड जारी कर दिया है।
आईएमडी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि चक्रवात से तटीय इलाकों में जबरदस्त तबाही हो सकती है। तूफान की वजह से घरों के साथ-साथ अन्य बुनियादी सुविधाओं को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है।
मछुआरों को भी तूफान के डर से समुद्र से दूर रहने का आदेश दिया गया है। उन्हें बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के गहरे समुद्री क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
नौसेना और तटरक्षक बल के जहाज तथा हेलीकॉप्टर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की राहत टीमें को महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है जबकि सेना और वायुसेना की टुकड़ियों को तैयार रखा गया है।