सैनिकों को मिलेगा ‘मिस्टर इंडिया’ बनने वाला खास गैजेट

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के विशेषज्ञों ने हीट रेडिएशन को रोकन में सक्षम मेटा मटेरियल से खास तरह के कपड़े और ऐसी वस्तुएं तैयार की हैं, जिन्हें पहनने के बाद रात में सैनिकों की मौजूदगी किसी भी उपकरण की पकड़ में नहीं आएगी।

sensors radars and infrared cameras not able to caught our soldiers now

बढ़ती तकनीक से अब नई-नई चीजों का आविष्कार किया जा रहा है जो कि बहुत मददगार साबित भी होती है। ऐसे में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के विशेषज्ञों ने हीट रेडिएशन को रोकन में सक्षम मेटा मटेरियल से खास तरह के कपड़े और ऐसी वस्तुएं तैयार की हैं, जिन्हें पहनने के बाद रात में सैनिकों की मौजूदगी किसी भी उपकरण की पकड़ में नहीं आएगी।

ईआईटी द्वारा बनाए इन विशेष कपड़ों और गैजेट्स की मदद से हमारे सैनिक आरएफ सेंसर, ग्राउंड रडार, एडवांस बैटल फील्ड रडार और इंफ्रारेड कैमरों को चकमा दे सकेंगे और बिना किसी नुकसान के अपना मिशन पूरा कर सकेंगे। दरअसल अभी अंधेरे में व्यक्ति या वस्तुएं हीट रेडिएशन के सहारे पकड़ में आ जाती हैं। इससे एडवांस इंफ्रारेड कैमरे घने अंधेरे में भी किसी व्यक्ति को खोज निकालते हैं। लेकिन अगर सैनिक अब बनाए हुए विशेष कपड़ो को पहन कर मिशन के लिए निकलेगी तो वह किसी भी प्रकार के कैमरे में दिखाई नहीं देंगे। फिर चाहे वह कितना भी एडवांस इंफ्रारेड कैमरा क्यों ही न हो। 

यह गैजेट्स बिल्कुल वैसे ही साबित होंगे जैसे 1987 में आई सुपरहिट फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में हीरो के पास घड़ीनुमा एक गैजेट था, जिसकी मदद से वह गायब हो जाता था। 

यह तकनीक सभी देश अपनी-अपनी सीमाओं पर इस्तेमाल करते हैं। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) आईआईटी द्वारा सेना के लिए तैयार कई वस्तुओं की टेस्टिंग कर रहा है। कपड़ों पर लगाए जाने वाली पैचनुमा डिवाइस, जिसे मेटामैटीरियल्स से बनाया गया है, परीक्षण में खरी उतरी है। इसे हरी झंडी दे दी गई है, जिसके बाद संस्थान ने इसे पेटेंट कराने के लिए आवेदन कर दिया है।

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